मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटिल की महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी

मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन करनेवाले मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को ओबीसी समूह के तहत मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण कोटा देने या प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।

पहले भी कई बार मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन एवं भूख हड़ताल कर चुके मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांग स्वीकार नहीं करती है तो वह बुधवार को मुंबई जाएंगे और 29 अगस्त को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

भाजपा का पलटवार
भाजपा ने पलटवार करते हुए जरांगे को राकांपा प्रमुख शरद पवार का मोहरा करार दिया और उन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया है। अपने गृहनगर जालना जिले में जरांगे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर कोटा नहीं दिया गया तो मैं सरकार गिरा सकता हूं। अंतरवाली सराटी गांव छोड़ने के बाद मैं किसी की नहीं सुनूंगा।

उन्होंने कहा कि उनका मुंबई मार्च 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के दिन शुरू होगा। हम 28 अगस्त को शिवनेरी किला (जहां छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था) जाएंगे और फिर राजगुरुनगर, चाकण, लोनावाला, पनवेल, वाशी और चेंबूर होते हुए आज़ाद मैदान पहुंचेंगे। मुंबई पहुंचने के बाद 29 अगस्त को भूख हड़ताल पर बैठूंगा।

जरांगे ने दोहराई अपनी मांग
उन्होंने मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने और हैदराबाद, सातारा और बॉम्बे राजपत्रों को लागू करने की मांग दोहराते हुए कहा कि हम मुंबई में यातायात अवरुद्ध नहीं करेंगे। कोई अराजकता पैदा नहीं करेंगे। हम न्याय पाने के लिए शांतिपूर्वक जा रहे हैं। आरक्षण ओबीसी कोटे से आना चाहिए, ना कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के 10 प्रतिशत कोटे से।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने 18 महीनों से सगे-सोयरे (सगे-संबंधी) वाली अधिसूचना को लागू नहीं किया है। मराठी शब्द सगे-सोयरे का अर्थ है जन्म के माध्यम से संबंध और विवाह के माध्यम से संबंध।

‘सत्ता में बैठे लोगों को जिद्दी नहीं होना चाहिए’
जरांगे ने कहा कि अगर सरकार अड़ी रही तो यह राज्य और देश के लिए ख़तरनाक होगा। सत्ता में बैठे लोगों को ज़िद्दी नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अड़ियल रुख़ के कारण उनके ख़िलाफ़ लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है। अगर हमें आरक्षण नहीं दिया गया तो सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे।

जरांगे ने दावा किया कि उन्होंने दो महीने पहले महाराष्ट्र के सभी 288 विधायकों को फोन किया था, जिनमें मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी शामिल थे। उनसे गरीब मराठा समुदाय की पुकार सुनने के लिए कहा था। उन्होंने मराठा समुदाय के डॉक्टरों, शिक्षकों, बस कंडक्टरों, किसानों और व्यापारियों के साथ-साथ आम लोगों से मुंबई में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने जरांगे पाटिल पर फडणवीस की मां के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि जरांगे फडणवीस और उनके परिवार के प्रति नफरत रखते हैं।

भाजपा नेता का आरोप
वरिष्ठ भाजपा नेता और एमएलसी प्रवीण दरेकर ने कहा कि फडणवीस के प्रति व्यक्तिगत द्वेष से ग्रस्त होकर उन्होंने उनकी मां का अपमान किया है। जो व्यक्ति ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है, वह छत्रपति शिवाजी महाराज का अनुयायी नहीं हो सकता।

जबकि जरांगे पाटिल ने पत्रकारों से कहा कि मैंने मुख्यमंत्री की मां के खिलाफ कोई अपमानजनक शब्द इस्तेमाल नहीं किया। अगर ऐसा कुछ मेरे मुंह से निकला है, तो मैं उसे वापस लेता हूँ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button