लिवर-किडनी को डैमेज कर सकता है नकली शहद

सुबह गर्म पानी में नींबू और शहद या फिर चाय-कॉफी में चीनी की जगह इसका इस्तेमाल आजकल तेजी से बढ़ा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में मिलने वाला ज्यादातर शहद नकली हो सकता है? इसमें मिलावट इतनी ज्यादा है कि इसे मीठा जहर कहना गलत नहीं होगा। इतना ही नहीं नकली शहद में मौजूद मिलावटी तत्व हमारे लिवर और किडनी को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकते हैं।

हममें से कई लोग शहद को हेल्दी मानकर खरीदते हैं। सोचते हैं कि यह सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर शहद नकली निकला तो यह शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान भी कर सकता है… खासकर लिवर और किडनी को? आइए, इस आर्टिकल में न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन से जानते हैं शहद में मिलावट का पता लगाने के 3 तरीकों के बारे में।

कैसे बनता है नकली शहद?
आजकल बाजार में ऐसा नकली शहद भी बेचा जा रहा है, जिसमें रिफाइंड शुगर सिरप मिलाया जाता है। हैरानी की बात यह है कि यह चीनी से बना सिरप चीन से आयात किया जाता है और इसका रंग और स्वाद बिल्कुल असली शहद जैसा ही लगता है। इसलिए आम इंसान को पहचानना मुश्किल हो जाता है कि शहद शुद्ध है या मिलावटी।

मिलावटी शहद को कैसे पहचानें?
कुछ आसान घरेलू तरीकों से आप अपने शहद की शुद्धता परख सकते हैं:

प्लेट टेस्ट:
एक प्लेट में शहद डालें।
उसमें थोड़ा पानी मिलाएं और प्लेट को हल्के-हल्के घुमाएं।
अगर उसमें छत्ते जैसी संरचना (हनीकॉम्ब पैटर्न) बने तो शहद असली है।
अगर यह सीधा घुल जाए और कोई पैटर्न न बने, तो समझ लीजिए इसमें मिलावट है।
वॉटर टेस्ट:
असली शहद पानी में तुरंत नहीं घुलता।
नकली शहद या शक्कर मिला हुआ शहद पानी में डालते ही जल्दी घुल जाता है।
NMR टेस्ट:
शहद की असलियत परखने का सबसे कारगर वैज्ञानिक तरीका है NMR (Nuclear Magnetic Resonance) टेस्ट। इससे पता चल जाता है कि शहद में शुगर सिरप मिलाया गया है या नहीं।

क्यों जरूरी है शुद्ध शहद चुनना?
शहद सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह हमारी सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है। लेकिन अगर यह मिलावटी है तो शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम शहद खरीदते समय उसकी क्वालिटी की जांच करें और भरोसेमंद ब्रांड का ही चुनाव करें।

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