बेक्ड, ग्रिल्ड और एयर-फ्राइड… इस गणेश चतुर्थी आप भी ट्राई करें मोदक के नए रूप

हर घर में गणपति की स्थापना के साथ ही तरह-तरह के मोदक बनाए जाते हैं। पारंपरिक तौर पर चावल के आटे और गुड़-नारियल की भरावन से बने मोदक का ही चलन है लेकिन आजकल मोदक ने एक नया रूप ले लिया है। शेफ माधुरी उगांवकर बता रही हैं कि बप्पा का यह पसंदीदा भोग स्वाद और सेहत के लिए कैसे बदल रहा है नित नए रूप…
गणपति का आगमन हो और मोदक का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। गणेशोत्सव का पारंपरिक भोग-प्रसाद उकडीचे मोदक चावल के आटे से बनता और भाप में पकाया जाता है, लेकिन बदलते समय के साथ स्वाद और सेहत का ध्यान रखते हुए मोदक के कई नए प्रयोग सामने आ रहे हैं। ये न सिर्फ स्वाद में लाजवाब हैं, बल्कि सेहत का भी ध्यान रखते हैं।
मोदक का नया रूप
पारंपरिक स्टीमिंग और फ्राइंग के अलावा, मोदक बनाने की कई और तकनीक भी इस्तेमाल की जा रही हैं। बेकिंग से मोदक को बिस्किट जैसी कुरकुरी बनावट दी जा रही है तो वहीं ग्रिलिंग से तैयार स्मोकी सुगंध वाले मोदक मन को भा रहे हैं। इसी क्रम में नट बटर या खजूर से बने ठंडे मोदक अलग ताजगी देते हैं। कुछ शेफ तो ‘सूस-विड’ स्टीमिंग का भी प्रयोग करते हैं, जिससे मोदक की नमी और स्वाद पूरी तरह से बरकरार रहता है। एयर-फ्राइड मोदक, डीप-फ्राइड मोदक की तुलना में हल्के और कम चिकनाई वाले होते हैं। हालांकि इसके लिए आटे को थोड़ा नरम रखना चाहिए, क्योंकि एयर-फ्राइंग में चीजें जल्दी सूख जाती हैं। ऐसे मोदक बाहर से खूब कुरकुरे हो जाते हैं। मोदक के बाहरी हिस्से पर थोड़ा घी या नारियल तेल लगाने से सुनहरा रंग आता है। गुड़ और नारियल जैसी थोड़ी ज्यादा नमी वाली भरावन मोदक की कुरकुरी बाहरी परत के साथ एक बेहतरीन संतुलन बनाती है।
स्वाद से समझौता नहीं
नवाचार की बात करूं तो शुगर-फ्री चाकलेट मोदक सेहत और स्वाद का परफेक्ट बैलेंस है, जिसमें मिठास के लिए खजूर या गुड़ का इस्तेमाल होता है। एयर-फ्राइड मोदक उन लोगों के लिए बेहतरीन हैं जो ज्यादा तेल से बचना चाहते हैं। रागी, ज्वार या क्विनोआ के आटे से बने श्रीअन्न-आधारित मोदक तो हैं ही, नारियल के दूध से तैयार वीगन मोदक भी काफी पसंद किए जा रहे हैं। नट्स, सीड्स और व्हे प्रोटीन वाले मोदक इस सीरीज में अपेक्षाकृत नई लेकिन धमाकेदार एंट्री हैं।
प्राकृतिक मिठास का जादू
भारतीय रसोई हमेशा से प्राकृतिक मिठास से परिपूर्ण रही है। खजूर, अंजीर, किशमिश और गुड़ न सिर्फ मिठास देते हैं, बल्कि स्वाद और टेक्सचर भी बढ़ाते हैं। गन्ने के गुड़ से सोंधी गर्माहट आती है, तो वहीं खजूर के गुड़ से कैरेमल टाफी जैसा स्वाद आता है। अंजीर और किशमिश की मिठास का तो क्या ही कहना। अब तो मोदक में स्वाद के कुछ लाजवाब कांबिनेशन भी आजमाए जा रहे हैं। खजूर के गुड़ के साथ थोड़ा सा इलायची का स्वाद, केसर के साथ बादाम बटर का मिश्रण, डार्क चाकलेट के साथ संतरे का छिलका, गुलकंद के साथ चिया सीड्स का मिश्रण, ये सभी मोदक के स्वाद को नए अंदाज में परोसते हैं। हमारे देसी स्वाद में विदेशी अंदाज भी बखूबी मिल रहा है इनमें बकलावा का स्वाद, मध्य एशिया की मिठाइयों का स्वाद, माचा का स्वाद, हेजलनट प्रालीन केक का अनोखा स्वाद और क्विनोआ या चिया सीड्स का उपयोग हो रहा है। ये सभी मोदक को फ्यूजन ट्विस्ट देते हैं, वहीं परंपरागत स्वाद भी बरकरार रहता है।
गुलाब-पिस्ता मोदक की रेसिपी
इस गणपति महोत्सव पर बनाएं कुछ नया और अनोखा प्रसाद गुलाब-पिस्ता मोदक। यह मोदक भारतीय मिठाई और मध्य एशिया की बकलावा का एक बेहतरीन संगम है।
सामग्री:
बाहरी आवरण के लिए: 1 कप बादाम का आटा, एक चम्मच घी, खजूर का पेस्ट
भरावन के लिए: बारीक कटे हुए पिस्ता, सूखे गुलाब की पंखुड़ियां, इलायची पाउडर, खजूर का गुड़
विधि:
सबसे पहले खोल के लिए एक नरम आटा गूंथ लें। एक बड़े बर्तन में बादाम का आटा लें। इसमें एक चम्मच घी और खजूर का पेस्ट डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसे तब तक गूंथें जब तक एक चिकना और नरम आटा न बन जाए। ध्यान रहे कि आटा न ज्यादा सख्त हो और न ही ज्यादा ढीला। अब भरावन की तैयारी करें। एक कटोरे में बारीक कटे हुए पिस्ता, सूखे गुलाब की पंखुड़ियां, इलायची पाउडर और खजूर का गुड़ डालकर अच्छी तरह मिला लें। अब मोदक बनाने के सांचे में हल्का घी लगाकर चिकना कर लें। गूंथे हुए बादाम के आटे का एक छोटा हिस्सा लें और उसे अपने हाथों से चपटा करके सांचे की दीवारों पर अच्छी तरह फैला दें, ताकि बीच में भरावन भरने की जगह बन जाए। भरावन भरें, फिर आटे की एक और पतली परत से इसे बंद कर दें। सांचे को धीरे से खोलें और मोदक को बाहर निकालें। सभी मोदकों को 30 मिनट के लिए फ्रिज में रख दें ताकि वे अच्छी तरह सेट हो जाएं।