दश्हरा के बाद या दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को कब मिलेगा महंगाई भत्ता?

दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिल सकता है। खबर है कि जल्द ही सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी हो सकती है। ये बढ़ोतरी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में होगी। ये इजाफा 7 वें वेतन आयोग के तहत किया जाएगा। आइए जानते हैं कि इस बार कितना इजाफा हो सकता है।

केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों को जल्द बड़ा तोहफा मिलने वाला है। खबर है कि सरकार दिवाली से पहले सभी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी (DA Hike News) कर सकती है। इस बार दिवाली का उत्सव 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सितंबर में कर्मचारियों की सैलरी बढ़कर आएगी।

सितंबर में क्यों बढ़कर आएगी सैलरी?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सितंबर में सैलरी इसलिए बढ़कर आएगी, क्योकि इसमें डीए एरियर (DA Arrears) का अमाउंट भी शामिल हो सकता है। अब सवाल ये हैं कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी?

इस बार महंगाई भत्ता 58% से 59% रह सकता है। अभी ये 55 फीसदी दर्ज किया गया है। इसका मतलब है कि महंगाई भत्ते में 3 से 4 फीसदी इजाफा हो सकता है। इस हिसाब से देखें तो बेसिक सैलरी यानी 18 हजार रुपये में 540 रुपये की बढ़ोतरी और बेसिक पेंशन यानी 9000 रुपये में 270 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। इसे लेकर अंतिम फैसला कैबिनेट द्वारा सितंबर से अक्टूबर के बीच लिया जाएगा।

कैसे होता है महंगाई भत्ता निर्धारित?
महंगाई भत्ता कैलकुलेट करने के लिए CPI- IW से जुड़ा एक फॉर्मूला का इस्तेमाल किया जाता है। अगर AICPI- IW में वृद्धि होती है, तो इसका मतलब है कि महंगाई भत्ता भी बढ़ेगा। वहीं अगर इसमें गिरावट दर्ज की जाती है, तो महंगाई भत्ता में कमी आएगी।

फॉर्मूला – 12 महीनों का औसत AICPI-IW – 261.42 / 261.42 x 100

कितना बढ़ रहा है AICPI- IW?
Labourbureau की वेबसाइट से मिले आंकड़ों की मानें तो मार्च से ही इसमें वृद्धि देखी जा रही है।

मार्च 2025 में CPI- IW, 143 दर्ज किया गया, फिर अप्रैल 2025 में ये 143.5 दर्ज किया गया। इसके बाद मई 2025 में ये 0.5 बढ़कर 144 हो गया ।

क्या होता है महंगाई भत्ता?
बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए हर कर्मचारी को बेसिक सैलरी के साथ महंगाई भत्ता दिया जाता है। ये हर साल दो बार रिवाइज किया जाता है। इसमें कितनी बढ़ोतरी या गिरावट करनी है, वे मौजूदा समय में चल रही महंगाई के आधार पर तय होता है। इसे कैलकुलेट करने के लिए CPI-IW का आंकड़ा लिया जाता है।

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