शिबू सोरेन, विनोद बिहारी महतो, रामदयाल मुंडा की जीवनी पढ़ेंगे बच्चे

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरू शिबू सोरेन की जीवनी सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ेंगे। उनकी जीवनी तथा संघर्ष गाथा को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा रहा है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग कक्षा एक से आठ की पुस्तकों को नए सिरे से तैयार कर रहा है, जिनमें दिशोम गुरू के अलावा झारखंड के कई अन्य बड़ी हस्तियों की जीवनी को उसमें सम्मिलित किया जा रहा है।
दिशोम गुरू के अलावा जिन अन्य हस्तियों की जीवनी को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा, उनमें विनोद बिहारी महतो, डा. रामदयाल मुंडा प्रमुख हैं।
इन दोनों का योगदान झारखंड आंदोलन के साथ-साथ शिक्षा में सुधार को को लेकर रहा है। विनोद बिहारी महतो के नाम से धनबाद में विनोद बिहारी महतो काेयलांचल विश्वविद्यालय भी है।
वहीं, डा. रामदयाल मुंडा के नाम से रांची का जनजातीय शोध संस्थान है। दिशोम गुरू के अलावा इन दोनों की जीवनी को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने पर सहमति बन चुकी है।हालांकि निर्मल महतो को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। इसपर अभी पूरी तरह सहमति नहीं बन सकी है।
झारखंड और छात्र आंदोलन में निर्मल महतो की बड़ी भूमिका रही है। एक अन्य नाम एनई होरो भी है, जिनकी जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। स्कूली पाठ्यक्रमों का बड़ा भाग झारखंड आंदोलन पर केंद्रित किया जा रहा है।
पाठ्यक्रम में शामिल करने पर पहले से चल रही थी तैयारी
स्कूली पाठ्यक्रम में दिशोम गुरू की जीवनी को शामिल करने की तैयारी उनके जीवित रहते चल रही थी। तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी इस आशय का निर्देश विभाग को दिया था। रामदास सोरेन ने भी मंत्री रहते इसे लेकर निर्देश जेसीईआरटी को दिए थे।