श्रमिक की मौत, परिजनों ने फैक्ट्री गेट पर किया हंगामा


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सोमवार शाम को फैक्ट्री में काम करते समय उसकी हालत बिगड़ गई। वह किसी तरह घर पहुंचा तो परिजनों ने गांव के पास ही एक झोलाछाप को दिखाया। मंगलवार सुबह हालत बिगड़ने पर परिजन सुबह करीब नौ बजे आजाद को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डाक्टरों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास किया, लेकिन परिजन हंगामा करते हुए शव लेकर चले गए।
शव लेकर परिजन फैक्ट्री पहुंचे और गांव वालों को बुलाकर हंगामा व नारेबाजी शुरू कर दी। मृतक के परिजन पांच लाख रुपये मुआवजा की मांग कर रहे थे। फैक्ट्री प्रबंधन के लोग आजाद की मौत घर पर होने और हल्की चोट लगने की घटना पांच दिन पहले होने की बात कह मुआवजा देने से इनकार कर दिया।
बाद में बिछिया के पूर्व ब्लाक प्रमुख केके सिंह ने फैक्ट्री के प्रबंधक एमएम सिंह से मृतक के परिजनों से वार्ता कराई। काफी देर तक चली खींचतान के बाद फैक्ट्री प्रबंधक ने तीन लाख रुपये मुआवजा देने की हामी भरी। मृतक की पत्नी श्वेता को एक लाख रुपये नगद दे दो लाख रुपये बैंक खाते में देने का वादा किया।
इसके बाद परिजन शव लेकर घर चले गए। इस दौरान मौजूद रहे शहर कोतवाली एसएसआई रंधा सिंह ने शव का पोस्टमार्टम कराने की बात कही लेकिन परिजन तैयार नहीं हुए। मृतक के भाई राकेश ने बताया कि भाई के तीन छोटे बच्चे अमन (8), अंजली (6) और आगेश चार साल हैं।





