उदयपुर में पांच साल के बच्चे पर तीन कुत्तों ने बोला हमला, जमीन पर गिरा मासूम

राजस्थान के उदयपुर में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर के न्यू आरटीओ रोड स्थित गौतम विहार कॉलोनी में रविवार शाम 5 वर्षीय गौरांश पर तीन कुत्तों ने हमला कर दिया। बच्चा घर के बाहर स्कूटर चला रहा था, तभी अचानक कुत्तों का झुंड दौड़ता हुआ आया और उसे जमीन पर गिराकर नोचने लगा। बच्चे की चीख सुनकर उसकी मां प्रीति दौड़ी और किसी तरह कुत्तों को भगाया। परिजन तुरंत बच्चे को अस्पताल ले गए। सीसीटीवी फुटेज में पूरा घटनाक्रम साफ नजर आ रहा है, जिसमें तीनों कुत्ते मासूम को गिराकर काटते दिखते हैं।

अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई
घटना के बाद मोहल्ले में दहशत का माहौल है। लोगों ने एनिमल एड संस्था और नगर निगम को मदद के लिए कॉल किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आए दिन कॉलोनी में आवारा कुत्तों का झुंड घूमता रहता है, लेकिन शिकायत करने के बावजूद व्यवस्था जस की तस बनी हुई है।

पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
दरअसल, यह कोई पहली घटना नहीं है। 2 महीने पहले शहर की एक कॉलोनी में 8 साल के बच्चे पर कुत्तों के झुंड ने हमला किया था। वहीं, करीब एक साल पहले मस्तान बाबा दरगाह क्षेत्र में 5 साल की बच्ची की कुत्तों के हमले में मौत हो गई थी। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने लोगों को भयभीत कर दिया है। माता-पिता बच्चों को बाहर खेलने तक नहीं भेज पा रहे है।

शिकायत के बाद भी नहीं हुआ सुधार
घटना के बाद मोहल्ले में दहशत का माहौल है। लोगों ने एनिमल एड संस्था और नगर निगम को मदद के लिए कॉल किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आए दिन कॉलोनी में आवारा कुत्तों का झुंड घूमता रहता है, लेकिन शिकायत करने के बावजूद व्यवस्था जस की तस बनी हुई है।

2024 में डॉग बाइट के 3 लाख केस दर्ज
चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य स्तर पर भी डॉग बाइट के आंकड़े गंभीर स्थिति दर्शाते हैं। साल 2024 में ही राजस्थान में 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। 2025 में भी यह सिलसिला जारी है।

गौरांश के परिवार ने राहत की सांस ली
वहीं, विशेषज्ञ मानते हैं कि समस्या का समाधान केवल पकड़कर शेल्टर भेजने में नहीं है। नसबंदी कार्यक्रम को तेज़ करना, शहरी कूड़ा प्रबंधन सुधारना और पशु कल्याण संस्थाओं को जवाबदेह बनाना भी जरूरी है। वहीं, स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि कोर्ट के आदेशों की सख्ती से पालना हो और निगम की टीमें तुरंत कॉलोनियों में पहुंचकर कार्रवाई करें।
फिलहाल, गौरांश के परिवार ने राहत की सांस ली है कि समय रहते मां ने बेटे की जान बचा ली।

राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर नहीं हो रहा अमल
आपको बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट ने इन घटनाओं को गंभीर मानते हुए नगर निगमों को सख्त निर्देश दिए थे। कोर्ट ने साफ कहा था कि 8 सप्ताह में सभी स्ट्रीट डॉग्स को आबादी वाले इलाकों से हटाकर शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाए। इसके लिए निगमों को पूरी छूट दी गई थी। इसके बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button