जगाधरी के बर्तनों की विदेश में भी मांग, दिवाली के लिए अभी से ऑर्डर

यमुनानगर की जगाधरी की फैक्टरियों में बने बर्तनों की गुणवत्ता ने देश-विदेश में इसकी मजबूत साख बनाई है। यहां बने स्टील, पीतल और एल्युमिनियम के बर्तन करीब 12 से ज्यादा देशों में भेजे जाते हैं।
इनमें सऊदी अरब, अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप के कई देश शामिल हैं। दिवाली के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से अभी से ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं। इससे कारोबारियों में उम्मीद जगी है कि इस बार करीब 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार होगा।
एक समय देश में सिर्फ जगाधरी में ही बर्तन की फैक्टरियां होती थीं। यहां के कई उद्यमियों ने देश के दूसरे राज्यों में कारोबार फैलाया। इससे जगाधरी की विरासत पूरे देश में फैल गई।
चीन से आने वाले सस्ते माल का भी यहां के कारोबार पर असर हुआ है, लेकिन जगाधरी के बर्तनों की गुणवत्ता ने इसके वजूद को बनाए रखा है। अब जगाधरी के बर्तन लगभग सभी राज्यों में भेजे जाते हैं। दिल्ली जगाधरी बर्तन उद्योग की राष्ट्रीय मंडी है।
यहां से उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और गुजरात सहित दक्षिण भारत के राज्यों में बर्तन भेजे जाते हैं।
पिछले साल बर्तन उद्योग को मंदी देखने को मिली है। हालांकि, 2020 में दिवाली में करीब 650-700 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। इसके बाद इसमें गिरावट आई है। 2021 और 2022 में कारोबार औसत रहा था। 2023 में दिवाली के मौके पर बेहतर कारोबार हुआ, लेकिन, 2024 में अपेक्षित कारोबार नहीं मिला।
800 से ज्यादा फैक्टरियां
जगाधरी ऐतिहासिक बर्तन औद्योगिक नगरी है, जहां छोटी-बड़ी 800 फैक्टरियां हैं। यहां कई ऐसी इकाइयां हैं, जिनका संचालन तीसरी और चौथी पीढ़ी कर रही हैं। तकनीक में बदलाव आया है, लेकिन गुणवत्ता से साख बनी है। यहां स्टील के बर्तन बनाने की भी 450 से 500 छोटी-बड़ी इकाइयां हैं।
एल्युमिनियम की 125 से ज्यादा फैक्टरियां चल रही हैं। पीतल और तांबे की करीब 100 फैक्टरियां हैं। यहां से करीब 250 से ज्यादा इकाइयां बर्तनों का निर्यात करती हैं। इनमें 100 इकाइयां अरब देशों में काम कर रही हैं।
इस दिवाली में अच्छा होगा कारोबार
जेके मेटल के संचालक भारत गर्ग ने बताया, पिछली दिवाली से इस बार 100-150 करोड़ ज्यादा कारोबार की उम्मीद हैं। पिछली बार 400 करोड़ तक कारोबार हुआ था। दूसरे राज्यों से व्यापारी आने शुरू हो गए हैं।
एमआर मेटल के संचालक गौरव गर्ग ने बताया, दिवाली के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो जाती हैं। जुलाई मध्य के बाद ही ऑर्डर आने शुरू हो जाते हैं और अगस्त में उत्पादन शुरू होता है।
स्मॉल स्केल एल्युमिनियम यूटेंसिल्स एसोसिएशन के प्रधान दविंद्र गुप्ता ने बताया, इस बार बाजार के माहौल के अनुसार उद्यमियों में काफी उत्साह है। वे दिवाली के लिए कारोबार की तैयारी में जुट गए हैं।
इस्राइल-ईरान युद्ध विराम ने दी राहत
उद्यमियों ने बताया, यूक्रेन-रूस और इस्राइल-ईरान युद्ध का असर भी बर्तन उद्योग पर देखने को मिला है। इस्राइल में यहां से काफी माल भेजा जाता है। हालांकि, ईरान से सीधा व्यापार नहीं है, लेकिन मध्य-पूर्व के अन्य देशों के जरिये जगाधरी के बर्तन वहां भी जाते हैं।
शुरुआत में यूरोपीय देशों के ऑर्डर में कमी आई थी, परंतु अब स्थिति कुछ सुधरी है। इस्राइल-ईरान युद्ध विराम से उद्यमियों को भी राहत है। मध्य-पूर्व के अन्य देशों के जरिये ईरान तक जाने वाले उत्पादों में गोल्ड व सिल्वर प्लेटिंग वाली तश्तरी, बाउल, आयतें और सजावट के अन्य सामान शामिल हैं। कटलरी और रेस्टोरेंट में प्रयोग होने वाले कई उत्पाद जगाधरी से इस्राइल को निर्यात होते हैं।