गणपति उत्सव में शामिल होना है तो इन जगहों पर जाने का बनाएं प्लान

अगर आप इस बार गणपति उत्सव में भव्य पंडाल देखना चाहते हैं, तो कुछ खास जगह जाने का प्लान करें।

जैसे ही भाद्रपद मास का आगमन होता है, पूरे देश में गणपति बाप्पा के स्वागत की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इसकी शुरुआत गणेश चतुर्थी के साथ होती है और समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। गणपति की धूम मंदिरों से लेकर घरों तक में दिखाई देती है। जगह-जगह पर बप्पा को दस दिन के लिए विराजमान किया जाता है।

यदि आप भी इस वर्ष गणपति उत्सव में भाग लेना चाहते हैं और भव्य पंडालों का दर्शन करना चाहते हैं, तो इन प्रमुख स्थानों पर जाना आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना सकता है। यहां हम आपको ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां का गणपति उत्सव काफी प्रसिद्ध है।

मुंबई (महाराष्ट्र)
बात जब गणपति उत्सव की हो, और मुंबई का जिक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। मुंबई में गणपति उत्सव की धूम सबसे ज्यादा रहती है। मुंबई में स्थित लालबागचा राजा और सिद्धिविनायक मंदिर जैसे स्थान मुंबई को गणपति उत्सव की राजधानी बना देते हैं। यहां के पंडालों की भव्यता, मूर्तियों की ऊंचाई और श्रद्धालुओं की भीड़ देखकर आप दंग रह जाएंगे।

पुणे (महाराष्ट्र)
पुणे में स्थित दगडूशेठ हलवाई गणपति के साथ-साथ कई मंदिरों और पंडालों में गणपति की धूम दिखाई देती है। पुणे में पारंपरिक ढोल-ताशा की गूंज और सांस्कृतिक आयोजनों की छटा गणपति उत्सव को और खास बना देती है। यहां पंडालों की सजावट में पारंपरिकता और आधुनिकता का बेहतरीन मेल देखने को मिलता है।

हैदराबाद (तेलंगाना)
यदि आप हैदराबाद में हैं तो खैरताबाद गणपति जाने का प्लान करें। दरअसल, यहां के गणपति हर साल अपनी ऊंचाई और वजन की वजह से चर्चा का विषय बनते हैं। गणपति उत्सव के दौरान यहां हर दिन तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन संध्या का भी आयोजन किया जाता है।

दिल्ली और नोएडा
उत्तर भारत में भी गणपति उत्सव अब बड़े पैमाने पर मनाया जाने लगा है। दिल्ली के महाराष्ट्र मंडल, द्वारका और करोल बाग में सजने वाले पंडाल बेहद आकर्षक होते हैं। यहां मराठी समुदाय की सहभागिता से पारंपरिक ढंग से उत्सव का आयोजन होता है। यदि आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं तो इन पंडालों में जाने का प्लान करें।

गोवा
गोवा में गणपति उत्सव पारंपरिक तरीकों से मनाया जाता है। यहां के गांवों में घर-घर मिट्टी के गणेश की स्थापना होती है और पंडालों की सजावट प्राकृतिक और सादगी से भरपूर होती है। तो अगर आप गणपति का पारंपरिक उत्सव देखना चाहते हैं।

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