बात-बात पर गुस्सा करता है बच्चा? तो डांट-मार से नहीं, इन तरीकों से करें उसे शांत

गुस्सैल बच्चे को शांत करने के लिए पेरेंट्स को धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए। बच्चे के गुस्से की वजह पहचानकर उसे भावनाएं व्यक्त करने का मौका दें और उससे शांत माहौल में बात करें। साथ ही कुछ और छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर भी आप बच्चों को हैंडिल कर सकते हैं।

बच्चों में गुस्सा आना एक कॉमन बात है, लेकिन जब यह गुस्सा बार-बार और एग्रेसिव तरीके से दिखने लगे, तो ये पेरेंट्स के लिए चिंता का विषय बन जाता है। गुस्सैल बच्चे अक्सर छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाते हैं, रोने-चिल्लाने लगते हैं और चीजों को तोड़फोड़ करने लगते हैं।

ऐसे में उन्हें शांत करने के लिए धैर्य और सही तकनीकों का इस्तेमाल करना जरूरी है। यहां कुछ प्रभावी टिप्स दिए जा रहे हैं, जो गुस्सैल बच्चों को शांत करने में मदद कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इनके बारे में-

गुस्से की वजह पहचानें
बच्चा अक्सर किसी वजह से गुस्से में आता है, जिसकी वजह भूख, थकान, डर, असुरक्षा, या किसी चीज की चाहत कुछ भी हो सकती है। ऐसे में जब पेरेंट्स सही कारण समझ लेंगे, तो समाधान निकालना आसान हो जाएगा।

भावनाओं को समझने दें
बच्चे को उसकी भावनाओं को पहचानने और व्यक्त करने का मौका दें। उसे समझाएं कि गुस्सा आना गलत नहीं है, लेकिन उसे सही तरीके से व्यक्त करना सीखना जरूरी है।

शांत वातावरण बनाएं
जब बच्चा गुस्से में हो, तो माहौल शांत और सुकून भरा बनाएं। उसे एकांत जगह पर बैठाएं, जिससे वह खुद को कंट्रोल कर सके। उसे चिल्लाने या डांटने से बचें।

ध्यान भटकाने की कोशिश करें
बच्चे का ध्यान किसी और एक्टिविटी की ओर मोड़ना उसके गुस्से को कम करने में सहायक हो सकता है। पेंटिंग, खिलौने या कहानी सुनाने जैसी चीजें उन्हें शांत कर सकती हैं।

गहरी सांस लेने की तकनीक सिखाएं
बच्चे को गुस्से के दौरान डीप ब्रीदिंग लेने की तकनीक सिखाएं। इससे उसका दिमाग शांत होगा और गुस्सा जल्दी कम होगा। यह तकनीक बच्चों के इमोशनल कंट्रोल में सहायक होती है।

समझदारी से बात करें
जब बच्चा शांत हो जाए, तो उससे प्यार से बात करें और उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। उसे यह एहसास कराएं कि आप उसकी बात समझते हैं और उसका समर्थन कर रहे हैं।

रूटीन में बदलाव करें
कभी-कभी बच्चों का गुस्सा अनियमित रूटीन की वजह से भी होता है। समय पर भोजन, नींद और खेल के बीच संतुलन बनाए रखें जिससे बच्चा थकावट या चिड़चिड़ापन महसूस न करे।

पॉजिटिव बिहेवियर को बढ़ावा दें
जब बच्चा गुस्से को काबू में रखे, तो उसकी तारीफ करें। इससे वह समझेगा कि अच्छा व्यवहार सराहा जाता है।

सहानुभूति दिखाएं
बच्चे को उसकी स्थिति में रखकर समझने की कोशिश करें। अगर वह गुस्सा कर रहा है, तो उसे यह महसूस कराएं कि आप उसकी भावनाओं को समझते हैं। इससे वह खुद को इमोशनली सुरक्षित महसूस करेगा।

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