जन्माष्टमी के दिन मंजरी से जरूर करें ये काम, धन की समस्या से लेकर नेगेटिविटी होगी दूर

तुलसी के पत्तों के साथ-साथ तुलसी की मंजरी का भी विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में अगर जन्माष्टमी के दिन तुलसी की मंजरी से जुड़े कुछ उपाय करते हैं तो इससे आपको कई तरह के लाभ देखने को मिल सकते हैं। यह उपाय आपको नेगेटिविटी दूर करने से लेकर धन संबंधी समस्याओं तक से छुटकारा दिला सकते हैं। चलिए जानते हैं मंजरी के कुछ उपाय।
आज यानी 15 अगस्त के दिन जन्माष्टमी (Janmashtami 2025) का पर्व का पर्व मनाया जा रहा है। वहीं कई साधक 16 अगस्त के दिन भी जन्माष्टमी का व्रत करेंगे। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। ऐसे में कान्हा जी की कृपा प्राप्ति के लिए यह एक उत्तम दिन है। शुभ परिणामों के लिए इस दिन पर आप मंजरी से जुड़े कुछ चमत्कारी उपाय कर सकते हैं।
नहीं होगी धन की समस्या
जन्माष्टमी के दिन पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को मंजरी अर्पित करें। अगले दिन मंजरी को एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से साधक की धन संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं। इतना ही नहीं आपको अपने पर्स में भी मंजरी रखने से फायदा मिल सकता है। मंजरी को अपनी तिजोरी में रखते समय आपको इस मंत्र का जप करना चाहिए –
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
दूर होगी नेगेटिविटी
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर गंगाजल में तुलसी की मंजरी मिलाकर इसका पूरे घर में छिड़काव करें। इस उपाय को करने से नकारात्मकता घर से दूर बनी रहती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही इससे घर में खुशहाली का माहौल भी बना रहता है।
जरूर करें ये उपाय
अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो इससे छुटकारा पाने के लिए जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मंजरी से जुड़ा ये उपाय कर सकते हैं। इसके लिए जन्माष्टमी के दिन स्नान-ध्यान के बाद तुलसी की मंजरी और दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से साधक के लिए धन लाभ के योग बनने लगते हैं।
मंजरी से जुड़े नियम
तुलसी की मंजरी को कभी भी रविवार या एकादशी के दिन नहीं तोड़ना चाहिए। शाम होने के बाद भी तुलसी की मंजरी नहीं तोड़नी चाहिए। इसके साथ ही तुलसी की मंजरी को हरी होने पर भी तोड़ा जा सकता है और सूखने के बाद भी। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मंजरी को कभी भी नाखूनों की मदद से न तोड़ें और न ही जमीन पर गिरी हुई मंजरी को भगवान को अर्पित करना चाहिए।