उज्जैन से अयोध्या तीर्थदर्शन यात्रा का वर्चुअल शुभारंभ, सीएम बोले- हमारे तीर्थ देश की एकता के प्रतीक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को उज्जैन से अयोध्या के लिए रवाना हो रही मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन यात्रा को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा न केवल मोक्ष का मार्ग है, बल्कि देश की धार्मिक एकता का प्रतीक भी है। इस यात्रा में श्रद्धालुओं को वाराणसी, अयोध्या, संत कबीर और संत रविदास की जन्मस्थली के दर्शन का अवसर मिलेगा। सीएम ने कहा कि तीर्थदर्शन योजना का विस्तार भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को उज्जैन से अयोध्या के लिए रवाना हो रही मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन यात्रा को अपने निवास से वर्चुअली हरी झंडी दिखाई और सभी श्रद्धालुओं को मंगलकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति में तीर्थयात्रा का गहरा महत्व है। यह न केवल मोक्ष की राह दिखाती है, बल्कि पूरे देश को धार्मिक आस्था के सूत्र में भी जोड़ती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी से निकलकर बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी और फिर अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन करना अत्यंत पुण्यकारी है। इस यात्रा में तीर्थयात्रियों को गंगा स्नान, भगवान विश्वनाथ के दर्शन के साथ संत कबीर और संत रविदास की जन्मस्थली पर भी जाने का अवसर मिलेगा।

योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में शुरू हुई मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का वार्षिक बजट 50 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें अब हवाई मार्ग से भी यात्रा की सुविधा जोड़ी गई है। पर्यटन विभाग के सहयोग से इस योजना का दायरा और बढ़ाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक वरिष्ठजन इस पवित्र अवसर का लाभ ले सकें।

तीर्थयात्री बोले- “श्रवण कुमार” जैसी सेवा
वर्चुअल संवाद में उज्जैन की तीर्थयात्री कल्पना शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा का अवसर देकर श्रवण कुमार की तरह अपनी जिम्मेदारी निभाई है। मुख्यमंत्री ने सभी यात्रियों को सफल और सुखद यात्रा की शुभकामनाएं दीं।

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