कश्मीरी पंडित नर्स हत्याकांड में आया नया मोड़…

श्रीनगर: 1990 में हुई कश्मीरी पंडित नर्स की हत्या के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। राज्य जांच एजेंसी की हालिया छापेमारी में कुछ ऐसे ठोस सबूत हाथ लगे हैं, जो इस बहुचर्चित मामले की परतें खोलने में निर्णायक साबित हो सकते हैं। राज्य की जांच एजेंसी ने सोमवार को 1990 में एक कश्मीरी पंडित महिला की हत्या के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मुहम्मद यासीन मलिक के आवास सहित श्रीनगर में 8 जगहों की तलाशी ली।

यह छापेमारी एफआईआर संख्या 56/1990 की धारा 302, 120 आरपीसी, 3/27 आर्म्स एक्ट और 3/2 टाडा के तहत की गई। यह एफआईआर मूल रूप से नागिन पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी और अब एसआईए इसकी जांच कर रही है।

डीएसपी आबिद हुसैन के नेतृत्व में एक टीम ने एसएचओ मैसमा और एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार किया है। एसएआई ने मलिक और उनकी पत्नी के घर पर छापेमारी की। मलिक गुलाम कादिर मलिक का बेटा यासीन वर्तमान में नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

एसएआई द्वारा तलाशी लिए गए अन्य व्यक्तियों में जावेद अहमद मीर उर्फ नालका पुत्र गुलाम नबी मीर निवासी जैनाकदल, पीर नूरुल हक शाह उर्फ एयर मार्शल पुत्र पीर गुलाम रसूल शाह निवासी इलाही बाग, अब्दुल हमीद शेख पुत्र शेख अब्दुल कबीर निवासी बट्टमलू, बशीर अहमद गोजरी पुत्र गुलाम रसूल गोजरी निवासी कादी कदल, फिरोज अहमद खान उर्फ जान मुहम्मद उर्फ जाना काचरो पुत्र गुलाम अहमद खान निवासी समसिकपुरा, कैसर अहमद टपलू उर्फ राज टपलू पुत्र गुलाम मुहम्मद टपलू शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार, तलाशी का उद्देश्य जेकेएलएफ के कई पूर्व नेताओं और सहयोगियों के खिलाफ सबूत जुटाना और 1990 में हुई हत्याओं से संबंधित घटनाओं के क्रम को फिर से बनाना था, जो घाटी में आतंकवाद के चरम के दौरान हुई थीं। 36 साल पहले आतंकवादियों ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसमें आगे कहा गया है कि तलाशी में कुछ ठोस सबूत मिले हैं, जिनसे पूरी आतंकवादी साजिश का पर्दाफाश करने में मदद मिलेगी, जिसका अंतिम उद्देश्य पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाना है।

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