अहमदाबाद प्लेन क्रैश के 2 महीने बाद भी मुआवजा न मिलने पर छलका पीड़ितों का दर्द

12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया प्लेन क्रैश को 2 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन पीड़ितों को अभी तक मुआवजे की राशि नहीं मिली है। पीड़ितों का पक्ष रखने वाले अमेरिकी अटॉर्नी एंड्रयूज का कहना है कि अगर रतन टाटा जीवित होते तो मुआवजा देने में इतनी देरी नहीं होती।
एअर इंडिया प्लेन क्रैश में अपनों को खोने वाले 65 पीड़ित परिवारों की तरफ से माइक एंड्रयू ने कहा अगर टाटा कंपनी के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा होते तो पीड़ित परिवारों को अब तक मुआवजा मिल चुका होता।
कैमरे के सामने बोले माइक एंड्रयू
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान एंड्रयू ने कहा रतन टाटा मुआवजे में कभी देरी नहीं करते थे। यह दर्शाता है कि अगर वो जीवित होते तो AI171 प्लेन क्रैश में अपनों को खोने के बाद पीड़ित परिवारों को इतना संघर्ष न करना पड़ता।
माइक एंड्रयू के अनुसार,
अमेरिका में भी हमें पता है कि रतन टाटा कौन थे? उनके काम करने के तरीके और अपने कर्मचारियों की चिंता करने वाले स्वभाव से सभी वाकिफ हैं। हमें यकीन नहीं हो रहा है कि AI171 के पीड़ितों को मुआवजा देने में कौन सी नौकरशाही प्रक्रिया आड़े आ रही है, जिससे मुआवजे में इतनी देरी हो रही है?
मां ने बेटे को खो दिया: माइक
माइक एंड्रयू ने कहा, “हम एक पीड़ित परिवार से मिले। एक बूढ़ी मां बिस्तर पर पड़ी है। वो अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए बेटे पर निर्भर थी। अब वो इस दुनिया में नहीं रहा। उन्हें मुआवजा नहीं मिल रहा। अब उन्हें क्या करना चाहिए?”
25 लाख का मुआवजा मिला
12 जून को अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद एअर इंडिया ने सभी पीड़ितों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का एलान किया था। वहीं, बाद में 25 लाख रुपये और देने की घोषणा की गई। 26 जुलाई को एअर इंडिया ने 26 लाख रुपये की राशि जारी कर दी। 229 पैसेंजर्स के 147 परिवारों को यह राशि दी गई है। हालांकि, 1 करोड़ रुपये का मुआवजा अभी भी पीड़ितों को नहीं मिल सका है।
प्लेन क्रैश में कितने लोगों की गई जान?
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में 12 केबिन क्रू सदस्य समेत 241 यात्रियों की मौत हो गई थी। प्लेन में बैठा सिर्फ एक यात्री ही जिंदा बचा था। इसके अलावा प्लेन जिस बीजे मेडिकल कॉलेज के मेस से टकराया था, वहां भी कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। ऐसे में मृतकों का आंकड़ा 260 तक पहुंच गया था।