‘मैं निर्दोष हूं, पैसों के लालच में फंसा दिया गया’ — छांगुर बाबा का गिड़गिड़ाते हुए वीडियो वायरल

अवैध धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन की ईडी कस्टडी खत्म हो गई है। उसे लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने 5 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपा था। इस दौरान ईडी ने उससे बैंक खातों और संपत्तियों से जुड़े सवाल पूछे। इसी बीच छांगुर बाबा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह खुद को निर्दोष बताते हुए कह रहा है कि उसे पैसों के लिए फंसाया जा रहा है। वीडियो में छांगुर ने वसीऊद्दीन और संतोष नाम के दो लोगों पर आरोप लगाए हैं। उसने अवैध धर्मांतरण के सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि मैंने एक भी धर्मांतरण नहीं कराया है, सब झूठ है।

15 जगह छापेमारी
मिली जानकारी के मुताबिक, पांच दिन पहले छांगुर बाबा को लखनऊ की ईडी स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ईडी ने उसे 28 जुलाई शाम 4 बजे से 1 अगस्त शाम 5 बजे तक की कस्टडी रिमांड पर रखा था। ईडी ने कोर्ट से 14 दिन की कस्टडी रिमांड की मांग की थी। छांगुर बाबा की पेशी के दौरान ईडी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। ईडी ने बताया कि छांगुर से अवैध फंडिंग, नेटवर्क और मनी लॉन्ड्रिंग के कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे गए हैं। हाल ही में ईडी ने बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई में 15 जगहों पर छापेमारी की थी। इन जगहों से कई दस्तावेज, बैंक लेन-देन के रिकॉर्ड और संदिग्ध कंपनियों के सबूत मिले हैं। ईडी इन सबके आधार पर छांगुर से पूछताछ कर रही है।

जुड़े तारों का खुलासा
ईडी की जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा के नेटवर्क को विदेशी खातों से लगभग 60 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली। इन पैसों का इस्तेमाल अवैध धर्मांतरण, प्रचार-प्रसार और बेनामी संपत्तियां खरीदने में किया गया। छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने पिछले 15 साल से अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाया। उत्तर प्रदेश एटीएस के अनुसार, छांगुर के पास से मिले रजिस्टरों में लगभग 5,000 लोगों की सूची है, जिनका हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म में धर्मांतरण कराया गया।

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