आज है मंगला गौरी और भौम प्रदोष व्रत

आज यानी 22 जुलाई का दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने के लिए शुभ है। क्योंकि आज भौम प्रदोष व्रत और मंगला गौरी व्रत किया जा रहा है। इन दोनों ही पर्व का खास महत्व है। ऐसे में आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 22 July 2025) पंचांग।

आज यानी 22 जुलाई को सावन माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर प्रदोष व्रत और मंगला गौरी व्रत किया जा रहा है। साथ ही आज कामिका एकादशी व्रत का पारण किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से सभी डर दूर होते हैं और मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मंगलवार के दिन कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज के पंचांग (Aaj ka Panchang 22 July 2025) के बारे में।

तिथि: कृष्ण द्वादशी

मास पूर्णिमांत: सावन

दिन: मंगलवार

संवत्: 2082

तिथि: कृष्ण द्वादशी प्रातः 07 बजकर 05 मिनट तक

योग: ध्रुव दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक

करण: तैतिल प्रातः 07 बजकर 05 मिनट तक

करण: गरज सायं 05 बजकर 51 मिनट तक

करण: 23 जुलाई को वणिज प्रातः 04 बजकर 39 मिनट तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर

सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 18 मिनट पर

चंद्रोदय: 23 जुलाई को प्रातः 03 बजकर 35 मिनट पर

चन्द्रास्त: शाम 05 बजकर 27 मिनट पर

सूर्य राशि: कर्क

चंद्र राशि: वृषभ

पक्ष: कृष्ण

शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक

अमृत काल: प्रातः 11 बजकर 14 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक

अशुभ समय अवधि
राहु काल: दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से सांय 05 बजकर 35 मिनट तक

गुलिक काल: दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 02 बजकर 10 मिनट तक

यमगंड काल: प्रातः 09 बजकर 02 मिनट से प्रातः 10 बजकर 45 मिनट तक

आज चंद्रदेव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे..

मृगशिरा नक्षत्र: सायं 07 बजकर 24 मिनट तक

सामान्य विशेषताएं: परिवर्तनशील, कूटनीतिक, आकर्षक, संवेदनशील, बुद्धिमान, संवाद में कुशल, बुद्धिमत्ता, आकर्षक रूप-रंग, कूटनीतिक प्रवृत्ति और हीन भावना

नक्षत्र स्वामी: मंगल

राशि स्वामी: शुक्र, बुध

देवता: सोम – अमर अमृत के देवता

प्रतीक: हिरण का सिर

भौम प्रदोष व्रत 2025
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को संध्या के समय भगवान शिव की आराधना के लिए रखा जाता है। जब यह व्रत मंगलवार को पड़ता है, तब इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। मंगलवार मंगल ग्रह का दिन होता है, जो साहस, ऊर्जा, ऋण निवारण और रोग शांति का प्रतीक है। इस दिन शिवपूजन करने से विशेष रूप से ऋण मुक्ति, शारीरिक रोगों से राहत और शत्रुनाश का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

त्रयोदशी तिथि अवधि-
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 22 जुलाई 2025 को सुबह 07 बजकर 05 मिनट से

त्रयोदशी तिथि समाप्त- 23 जुलाई 2025 को सुबह 04 बजकर 39 मिनट तक

भौम प्रदोष व्रत विधि-
त्रयोदशी के दिन प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
पूरे दिन फलाहार या निराहार व्रत रखें, मन में भगवान शिव का ध्यान करें।
संध्या के समय (प्रदोषकाल) में शिवलिंग का अभिषेक करें जल, दूध, दही, शहद, घी और शुद्ध जल से।
शिवजी को बेलपत्र, धतूरा, सफेद पुष्प और चंदन अर्पित करें।
दीप जलाकर “ॐ नमः शिवाय” का जप करें या शिव चालीसा, रुद्राष्टक का पाठ करें।
व्रत की कथा सुनें और आरती करें।
व्रत के अगले दिन विधिपूर्वक पारण करें और जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button