महाराष्ट्र: सड़क हादसे में मरने वाले कांस्टेबल के परिजनों को मिलेगा मुआवजा

महाराष्ट्र में 2022 में मुंबई पुलिस में कांस्टेबल गिरीश अशोक हरद (30) की रोडवेज बस की टक्कर से मौत हो गई थी। ठाणे के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने मामले में पुलिस कांस्टेबल के परिजनों को मुआवजा राशि देने का आदेश दिया।

महाराष्ट्र में 2022 में रोडवेज बस की टक्कर लगने से मरने वाले पुलिस कांस्टेबल के परिवार को 1.12 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाएगा। ठाणे के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस में कांस्टेबल गिरीश अशोक हरद (30) की रोडवेज बस की टक्कर से मौत हो गई थी।

एमएसीटी के सदस्य आरवी मोहिते की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को आदेश दिया कि वह याचिका की तिथि से राशि जमा होने तक नौ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित मुआवजा अदा करे। यह भुगतान निर्णय की तिथि से एक माह के भीतर हो जाना चाहिए।

मामले की सुनवाई के दौरान एमएसआरटीसी की ओर से अधिवक्ता एचपी पाटिल ने कहा कि दुर्घटना मृतक की लापरवाही के कारण हुई। बस सही दिशा में थी और विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहा स्कूटर फिसल गया और बस से टकरा गया।

अधिवक्ता एमए पेंडसे ने एफआईआर, घटनास्थल पंचनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आरोपपत्र सहित साक्ष्य प्रस्तुत किए। इस पर न्यायाधिकरण ने पाया कि दुर्घटना के समय सड़क गीली थी। इसका मतलब है कि या तो दुर्घटना से पहले या दुर्घटना के समय बारिश हो रही थी। ऐसे में दोनों चालकों को अपने-अपने वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी होगी। न्यायाधिकरण ने दोनों चालकों की लापरवाही को दोषी माना। साथ ही मुआवजे के निर्धारण के लिए कांस्टेबल की लापरवाही को 20 प्रतिशत तथा बस चालक की लापरवाही को 80 प्रतिशत माना।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि मुआवजे की राशि में भविष्य की आय की हानि 72,73,728 रुपये, भविष्य की संभावना – 36,36,864 रुपये, संघ की हानि – 2,00,000 रुपये, संपत्ति की हानि – 15,000 रुपये, अंतिम संस्कार व्यय – 15,000 रुपये, और प्यार और स्नेह की हानि – 1,50,000 रुपये शामिल हैं।

न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि कांस्टेबल की पत्नी को 60.90 लाख रुपये, उसकी तीन साल की बेटी को 44 लाख रुपये, उसके माता-पिता को तीन-तीन लाख रुपये और उसकी बहन को दो लाख रुपये दिए जाएं। साथ ही दावेदार की पत्नी के लिए मुआवजे की 25 लाख रुपये की राशि को राष्ट्रीयकृत बैंक में पांच साल के लिए सावधि जमा में निवेश किया जाना है, जबकि उसकी बेटी के लिए मुआवजे की राशि को उसके वयस्क होने तक सावधि जमा में निवेश किया जाना है।

ऐसे हुआ था हादसा
2022 में मुंबई पुलिस में कांस्टेबल गिरीश अशोक हरद (30) अपने स्कूटर पर रात्रि ड्यूटी पर जा रहे थे, तभी बदलापुर की ओर से मुरबाद की ओर जा रही एक तेज रफ्तार एमएसआरटीसी बस सड़क से उतर गई और ठाणे जिले के सोनावाले गांव के पास उनके स्कूटर से टकरा गई। हरद को गंभीर चोटें आईं और कल्याण के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

कुलगांव पुलिस ने एमएसआरटीसी बस चालक के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी और आरोपपत्र दाखिल किया था। दुर्घटना के समय हरद की मासिक कमाई 58,822 रुपये थी। हरद की पत्नी, नाबालिग बेटी, माता-पिता और अविवाहित बहन उनकी आय पर निर्भर थे।

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