लेह पहुंचे दलाई लामा, दमन और सुरना की धुनों के बीच तिब्बती धर्मगुरु का भव्य स्वागत

जम्मू: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा शनिवार को अपने एक माह के प्रवास पर लद्दाख पहुंच गए। लेह में दमन और सुरना की पारंपरिक धुनों पर नाच रहे अनुयायियों ने दलाई लामा का भव्य स्वागत किया। उनके आगमन के लिए लेह एयरपोर्ट से लेकर जिवेत्सल तक बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले सड़क के किनारे जुटे हुए थे। वे गुलदस्ते लिए हुए थे। धर्मगुरु के सम्मान में उन्होंने ध्वज भी लहराए।
इससे पूर्व दलाई लामा का लेह एयरपोर्ट पहुंचने पर लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद यानी एलएएचडीसी के चेयरमैन और काउंसलरों के साथ ही पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया। उन्हें पारंपरिक खटका पहनाया गया। यहां से दलाई लामा फुल प्रूफ सुरक्षा के बीच वाहन से निवास स्थान के लिए रवाना हो गए।
इस बीच वे जहां-जहां से गुजरे उनके वाहन के सामने लोग श्रद्धा से शीश झुकाकर खड़े हो गए। तिब्बती धर्मगुरु ने भी हाथ उठाकर सभी को आशीर्वाद दिया। बहुत सारे लोग छोटे बच्चों को गोद में लिए आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से आशीर्वाद दिलाने पहुंचे थे। वे दलाई लामा का आशीर्वाद पाकर स्वयं को भाग्यशाली महसूस कर रहे थे।
ऐसा लग रहा था जैसे पूरा लेह धर्मगुरु के स्वागत में जुटा हो। रंग-बिरंगी पारंपरिक पोशाकें पहनें लोग उत्साह के साथ झूम रहे थे। दलाई लामा के सम्मान स्वरूप लेह में मीट की दुकानें तक बंद कर दी गई थीं। जिवेत्सल पहुंचने पर दलाई लामा का बौद्ध भिक्षुओं के साथ ही अन्य अनुयायियों ने खटका पहनाकर स्वागत किया। उनके लिए विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया। दलाई लामा के आगमन के मद्देनजर लेह एयरपोर्ट से लेकर जिवेत्सल तक सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। साथ ही ट्रैफिक भी डायवर्ट किया गया था।
एयरपोर्ट पर दलाई लामा का स्वागत करने वालों में स्थानीय सांसद मोहम्मद हनीफ जान, एलएएचडीसी, लेह के चेयरमैन ताशी ग्यालसन, पूर्व सांसद थुपस्तान छवांग, लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष चेरिंग दोरजे आदि शामिल रहे।
दो दिवसीय शिक्षण सत्र का विशेष अनुरोध
लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन यानी एलबीए के अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लकरूक ने बताया कि आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा लद्दाख में फिलहाल आराम करेंगे। इसके पश्चात उनका 19 से जंस्कार दौरे का प्रोग्राम है। करीब सप्ताह भर प्रवास के बाद वहां से उनकी लेह वापसी होगी। इसके बाद उनसे दो दिवसीय शिक्षण सत्र के लिए विशेष अनुरोध किया जाएगा।
करुणा माह के रूप में मनाया जा रहा जुलाई
तिब्बती धर्मगुरु ने हाल ही में छह जुलाई को जीवन के 90 वसंत पूरे किए हैं। इस अवसर पर उनके अनुयायी जुलाई को करुणा माह के रूप में मना रहे हैं। स्कूलों में तिब्बती धर्मगुरु की करुणा और अहिंसा से जुड़ी शिक्षाओं का प्रसार किया जा रहा है।
कूटनीतिक नजरिए से भी अहम माना जा रहा दौरा
दलाई लामा के लद्दाख आगमन को धार्मिक ही नहीं, बल्कि कूटनीतिक नजरिए से भी अहम माना जा रहा है। प्रख्यात पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक पहले ही दोहरा चुके हैं कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों को चीन ग्रे एरिया मानता है। उसकी लद्दाख पर हमेशा से बुरी नजर रही है। ऐसे में दलाई लामा का यहां आना इन क्षेत्रों में भारत के आधिपत्य को स्थापित करता है।