दिल्ली: विशाल मेगा मार्ट में लगी आग पर 35 घंटे में पाया गया काबू

दमकल की 30 गाड़ियों ने शनिवार देर रात तीन बजे आग को पूरी तरह बुझा दिया। इसके बाद पूरे मॉल की हर फ्लोर पर तलाशी अभियान चलाया गया।
करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में लगी आग पर करीब 35 घंटे बाद काबू पा लिया गया। दमकल की 30 गाड़ियों ने शनिवार देर रात तीन बजे आग को पूरी तरह बुझा दिया। इसके बाद पूरे मॉल की हर फ्लोर पर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान टीम को वहां किसी और के हताहत होने का पता नही चला।
रविवार को क्राइम टीम के अलावा एफएसएल ने छानबीन की। टीम ने वहां से साक्ष्य भी जुटाए। कर्मचारियों व बाकी स्टाफ से पूछताछ की गई। टीम आग की वजहों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। शुरुआती जांच के बाद शाॅर्ट सर्किट को आग की वजह बताया जा रहा है।
पुलिस ने रविवार को आरएमएल अस्पताल पहुंचे पवन कुमार के परिजन शव लेकर अपने पैतृक निवास असगरपुर, अलीगढ़ चले गए। शुक्रवार शाम को पवन मॉल में खरीदारी करने के लिए आया था। उसी रात अलीगढ़ निकलना था।
शुरुआत में शव की हालत देखकर पुलिस अधिकारी कह रहे थे कि शव का डीएनए परीक्षण करवाने के बाद ही उसकी पहचान हो पाएगी, लेकिन बैग और जूते से पहचान करने के बाद पवन का शव परिवार को देने का फैसला लिया गया। रविवार को औपचारिताएं पूरी करने के बाद शव परिवार के हवाले कर दिया गया।
एक साल पहले हुई थी पवन की शादी, पत्नी है गर्भवती
दोस्त लोकेश ने बताया, पवन के परिवार में पिता मुंशीलाल, मां उर्मिला देवी, चार भाई, दो बहनें व पत्नी विनिता है। एक साल पहले ही पवन की शादी हुई थी। पत्नी फिलहाल गर्भवती है। शुक्रवार को पवन को अलीगढ़ जाना था। दरअसल शनिवार को उसे पत्नी का अल्ट्रासाउंड करवाना था।
अलीगढ़ जाने के लिए उसे कुछ कपड़े खरीदने थे। उसके लिए वह मॉल गया था। हादसे का शिकार होने के बाद पुलिस को पार्किंग के पास से जमा पवन का बैग मिला। उसमें एक जानकार का नंबर मिला। उस पर कॉल कर लोकेश को उसकी पहचान के लिए बुलाया गया। लोकेश ने जूता देखकर पवन की पहचान की।
बैग में पवन का आधार व बाकी सामान भी मौजूद था। इसके बाद शनिवार को परिवार को खबर दी गई। परिवार दिल्ली पहुंचा और बाकी पवन के शव की पुष्टि उन्होंने कर दी। पवन की मौत के बाद से उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। देर शाम गांव के श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।