55 डिग्री की गर्मी से बचने के लिए शहर के लोगों निकाला अनूठा उपाय, जमीन के नीचे बना दिए अंडरग्राउंड घर!

चरम मौसम की मार से बचने के लिए इंसान बहुत उपाय कर सकते हैं. लेकिन हर किसी के  लिए तमाम उपाय अपनाना संभव नहीं. लेकिन गरीब लोग भी कम उपाय नहीं करते हैं.  पहनावे से लेकर धूप और गर्म हवा को रोकने के तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. वहीं घर की ठंडक के लिए भी कोशिशें होती हैं पर ऑस्ट्रेलिया के कोबर पेडी एक अनोखा शहर है. यहां 55 डिग्री सेल्सियस की गर्मी से बचने के लिए लोग जमीन के नीचे रहते हैं.  एक 38 साल की महिला ने बताया है कि कैसे उनका परिवार जमीन के अंदर रह कर भी खुश है.

पहाड़ी के अंदर है घर
सबरीना ट्रोइसी मूल रूप से जर्मनी की हैं. अब वे कोबर पेडी में रहती हैं. उनके परिवार में उनके पति निक 14 साल का बेटा थॉमस, 14 और 13 साल की बेटी लीया हैं. उनका घर $277,000 यानी 2 करोड़ 37 लाख रुपये का है. जो एक पहाड़ी में बना है. और पहाड़ी की सतह के चार मीटर नीचे है. इसमें दो लिविंग रूम, दो बाथरूम, और एक पूल है. घर में इंडोर और आउटडोर स्पा भी है. सबरीना का ऑफिस और नीचे है. सबरीना ऑफिस मैनेजर हैं. वे उमूना ओपल माइन और म्यूजियम में काम करती हैं.

कोबर पेडी में 1,600 लोग रहते हैं. 60% लोग ज़मीन के नीचे रहते हैं. ज़मीन के नीचे के घर डगआउट कहलाते हैं. ये सैंडस्टोन से बने हैं. सबरीना जर्मनी में चाइल्डकेयर एजुकेटर थीं. ऑस्ट्रेलिया में गैप ईयर के दौरान निक से मिलीं. निक उनका टूर गाइड थे. दोनों प्यार में पड़ गए. 2013 में कोबर पेडी में बस गए. सबरीना ने कहा, “हमारे दोस्त यहां थे. हमें यहां का माहौल पसंद आया.”

सस्ता और शांति
ज़मीन के नीचे रहना सस्ता है. एडिलेड में घर £382,000 यानी 4 करोड़ 46 लाख रुपये का है. सबरीना ने कहा, “यहां कम खर्चा है. हीटिंग और कूलिंग की ज़रूरत नहीं.” घर बनाने में समय लगता है. कुछ घर दो महीने में बन जाते हैं. सबरीना ने कहा, “मैंने लोगों को 10 साल तक खोदते देखा है.” ज़मीन के नीचे रहने का फायदा शांति है. सबरीना ने कहा, “बाहर का शोर नहीं.” वे कहा, “रात को पूरी तरह अंधेरा और शांत. नींद अच्छी आती है.”

बड़ा शहर और कोबर पेडी
सबरीना कोबर पेडी की शांति से इतनी आदि हैं कि शहर की हलचल उन्हें थका देती है. उन्होंने कहा, “छुट्टियों में एडिलेड की भीड़ से थक जाती हूं.” लेकिन धूल और मेंटेनेंस की समस्या है. सबरीना ने कहा, “दीवारें सील न करें, तो धूल आती है.” सबरीना और उनका परिवार धूप और हवा लेते हैं. उनके लिए 10 मिनट धूप में रहना काफी है.

उनके बच्चे ज़मीन के ऊपर की ज़िंदगी भूल गए हैं. सबरीना ने कहा, “होटल में रहें, तो हर शोर सुनते हैं.” कोबर पेडी दूर है. नजदीकी शहर 400 मील दूर है. लेकिन यहां लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं. सबरीना ने कहा, “यहां सब पांच मिनट दूर है.” सबरीना को यह जिंदगी पसंद है. उन्होंने कहा, “शहर की हलचल नहीं चाहती.” लेकिन वे मानती हैं कि ज़मीन के नीचे रहना सबके लिए नहीं है.

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