भोपाल: एम्स में आने वाले मरीजों को इलाज के साथ मिलेगा प्राकृतिक वातावरण

एम्स में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को अब अच्छे इलाज के साथ-साथ प्राकृतिक वातावरण भी उपलब्ध होगा। दरअसल एम्स में चिकित्सा, शिक्षा और शोध के साथ अब एक स्वच्छ, हरित और पर्यावरण-अनुकूल परिसर का निर्माण किया जा रहा है।

राजधानी भोपाल स्थित एम्स में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को अब अच्छे इलाज के साथ-साथ प्राकृतिक वातावरण भी उपलब्ध होगा। दरअसल एम्स में चिकित्सा, शिक्षा और शोध के साथ अब एक स्वच्छ, हरित और पर्यावरण-अनुकूल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। एम्स प्रबंधन का कहना है कि संस्थान का लक्ष्य केवल एक चिकित्सा केंद्र के रूप में कार्य करना नहीं है, बल्कि समाज के समक्ष एक ऐसे “ग्रीन कैंपस” का आदर्श प्रस्तुत करना भी है, जो सतत विकास और पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक हो।

कई स्थाई गतिविधियां नियमित रूप से संचालित
इसी उद्देश्य के तहत एम्स भोपाल परिसर में वृक्षारोपण, कचरा प्रबंधन, सौर ऊर्जा पैनल की स्थापना और ऊर्जा दक्षता जैसे कई स्थाई गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जा रही हैं। इन पहलों में संस्थान के विभिन्न विभागों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय सहभागिता उल्लेखनीय रही है। परिसर को हरा-भरा और स्वच्छ बनाए रखने के लिए सभी स्तरों पर प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है।

हरित वातावरण का निर्माण आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता
एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और हरित वातावरण का निर्माण आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। एम्स भोपाल न केवल चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार के लिए जाना जाता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को गंभीरता से निभा रहा है। हमारा प्रयास है कि एम्स भोपाल का परिसर रोगियों, आगंतुकों और कर्मचारियों के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक वातावरण प्रदान करे और पर्यावरणीय चेतना के क्षेत्र में समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत बने। प्रो. सिंह ने यह भी बताया कि संस्थान की टीम निरंतर पौधारोपण अभियानों, स्वच्छता गतिविधियों और ऊर्जा संरक्षण उपायों को अपनाकर कैंपस को एक ग्रीन केंपस के रूप में विकसित करने में जुटी हुई है।

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