महाराष्ट्र: जालना में नर्स ने गर्भवती महिला के पेट पर अल्ट्रासाउंड जेल की जगह लगाया फिनाइल

महाराष्ट्र के जालना जिले में एक ग्रामीण अस्पताल में गर्भवती महिला के पेट पर डॉपलर टेस्ट के दौरान अल्ट्रासाउंड जेल की जगह फिनाइल जैसा रसायन लगा दिया गया जिससे उसकी त्वचा जल गई। खापरखेड़ा वाडी गांव की शीला भालेराव नामक महिला को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था। परिवार ने दोषी नर्स और डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है।
महाराष्ट्र के जालना जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक ग्रामीण अस्पताल में गर्भवती महिला के पेट पर डॉपलर टेस्ट के दौरान अल्ट्रासाउंड जेल की जगह एक रसायनिक पदार्थ लगा दिया गया। इस लापरवाही की वजह से महिला की त्वचा जल गई।
घटना जालना जिले के भोकर्डन ग्रामीण अस्पताल का बताया जा रहा है, जहां खापरखेड़ा वाडी गांव की एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
डॉपलर टेस्ट के दौरान हुई गलती
महिला की पहचान शीला भालेराव के रूप में हुई है, जो तीसरी बार मां बनने वाली थी। अस्पताल में सुबह 6.30 बजे महिला ने बच्चे को जन्म दिया। उसी दौरान डॉक्टरों ने भ्रूण की धड़कन जांचने के लिए डॉपलर टेस्ट किया। इस प्रक्रिया में नर्स द्वारा गलती से अल्ट्रासाउंड जेल की जगह फिनाइल जैसा कोई केमिकल लगा दिया गया, जिससे महिला के पेट पर जलने के निशान हो गए।
परिवार ने की कार्रवाई की मांग
अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही के बाद महिला के परिवारवालों ने दोषी नर्स और डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि महिला को भर्ती करने के तुरंत बाद जब डॉपलर टेस्ट किया जा रहा था, उसी समय यह घटना घटी।
जिला सिविल सर्जन ने लिया संज्ञान
जालना के जिला सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र पाटिल ने घटना की पुष्टि की और उन्होंने बताया कि हमें अस्पताल में तेजाब इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। जो भी रसायन लगाया गया था, वह संभवत: फिनाइल था।
सिविल सर्जन ने घटना के बाद अस्पताल का दौरा किया और तीन सदस्यीय डॉक्टरों की समिति बनाई गई है जो मामले की जांच करेगी। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी व्यक्ति पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।