गाजा में इजरायल के हमले तेज, हमास के कई ठिकाने ध्वस्त; पिछले 24 घंटों में 79 फलस्तीनी मारे गए

 गाजा में इजरायल हमास को जड़ से खत्म करने के लिए तेज अभियान चला रहा है और इसलिए इजरायल ने गाजा में हमले तेज कर दिए हैं। चिकित्सा सूत्रों के अनुसार, क्षेत्र में चल रहे इजरायली नरसंहार के परिणामस्वरूप पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी में कम से कम 79 फिलिस्तीनी मारे गए और 211 अन्य घायल हो गए।

स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अक्टूबर 2023 से इजरायली हमले में फलस्तीनी लोगों की मृत्यु की संख्या बढ़कर 53,901 हो गई है, जबकि 122,593 लोग घायल हुए हैं। पीड़ितों में ज़्यादातर महिलाएँ और बच्चे हैं।

दो महीने के युद्धविराम के बाद फिर शुरू हुई लड़ाई

यूएनकी एक एजेंसी द्वारा उद्धृत उन्हीं सूत्रों के अनुसार, दो महीने के युद्धविराम के बाद 18 मार्च को इजरायल द्वारा पुनः नरसंहार शुरू करने के बाद से मरने वालों की संख्या भी 3,747 हो गई है, तथा 10,552 अन्य घायल हुए हैं।

गाजा में डॉक्टर के नौ बच्चों समेत 79 लोग मारे गए

गाजा में इजरायली सेना के हमले जारी हैं। शनिवार को हुए इन हमलों में 79 लोग मारे गए। मृतकों में खान यूनिस शहर में हुए हवाई हमले में एक डॉक्टर के मारे गए नौ बच्चे भी शामिल हैं, जबकि एक बच्चा घायल हुआ है। मारे गए बच्चे सात महीने से लेकर 12 वर्ष के थे।

अल्ला नजर नाम की महिला डॉक्टर नासेर अस्पताल के बाल रोग विभाग में कार्यरत हैं। हमले की सूचना मिलने पर जब वह अपने घर पहुंचीं तब घर से आग की लपटें निकल रही थीं, आग बुझने पर बर्बाद हुए घर में सात बच्चों की लाशें मिलीं, दो बच्चों के शव मलबे में दबे हुए हैं-उन्हें नहीं निकाला जा सका है।

खान यूनिस इलाका खतरनाक युद्ध क्षेत्र बन गया है

नजर के पति और 11 वर्ष का बेटा बुरी तरह से घायल अवस्था में मिले हैं। इजरायली सेना ने कहा है कि खान यूनिस इलाका खतरनाक युद्ध क्षेत्र बन गया है।

इजरायली सेना पर लगातार हमले हो रहे

वहां पर इजरायली सेना पर लगातार हमले हो रहे हैं, इसलिए जवाबी हमले भी करने पड़ रहे हैं। इसीलिए आमजनों से शहर को छोड़कर जाने के लिए कहा जा रहा है। सात अक्टूबर, 2023 से जारी इजरायली हमलों में अभी तक करीब 54 हजार लोग मारे जा चुके हैं।

भारत का भी विरोधी है, वह संगठन जिससे जुड़ा इजरायलियों का हत्यारा

अमेरिका में इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या करने वाला इलियास रोड्रिगेज चीन के एजेंडे को आगे बढ़ाने और साथ ही हमास का समर्थन करने वाले एक ऐसे अतिवादी वामपंथी अमेरिकी संगठन का सदस्य रह चुका था, जिसने एक समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा का विरोध किया था।

रोड्रिगेज एक समय उसके साथ अवश्य जुड़ा था

यह संगठन इजरायल का कट्टर विरोधी है। रोड्रिगेज का नाम सामने आते ही पार्टी फॉर सोशलिज्म एंड लिबरेशन (पीएसएल) नामक संगठन लोगों के निशाने पर आ गया। उसने तुरंत सफाई दी कि रोड्रिगेज एक समय उसके साथ अवश्य जुड़ा था, लेकिन फिर साथ छोड़ गया। पीएसएल ने इजरायली कर्मियों की हत्या में अपनी किसी भूमिका से भी इन्कार किया।

सभी वामपंथी संगठनों की फंडिग कौन कर रहा है

संदेह है कि रोड्रिगेज इसी संगठन का सक्रिय सदस्य ही था। रिपब्लिकन सीनेटर जान कार्निन ने एटार्नी जनरल पामेला बोंडी और एफबीआइ प्रमुख काश पटेल से मांग की है कि पीएसएल और ऐसे ही अन्य सभी वामपंथी संगठनों की फंडिग कौन कर रहा है, इसकी गहन जांच हो, क्योंकि यह जानना जरूरी है कि कहीं यह घरेलू आतंकवाद तो नहीं।

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