अब चार हजार पूर्व सैनिक संभालेंगे घाटी में सुरक्षा की कमान, पुलिस-प्रशासन के साथ मिलकर करेंगे काम

जम्मू-कश्मीर के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए अब पूर्व सैनिकों की भी सेवाएं ली जाएंगी। प्रदेश सरकार ने इससे संबंधित जम्मू-कश्मीर के सैनिक कल्याण बोर्ड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

स्वीकृत योजना के अनुसार, इस पहल के लिए 4,000 पूर्व सैनिकों की पहचान की गई है। इनमें से 435 पूर्व सैनिकों के पास लाइसेंसी हथियार हैं, जो स्थानीय सुरक्षा स्थितियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने की क्षमता रखते हैं।

इन्हें राज्य के सभी 20 जिलों में बिजली स्टेशनों, पुलों, सरकारी प्रतिष्ठानों और अन्य संवेदनशील स्थानों सहित अहम बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। यह पहल कोविड-19 के दौरान पिछली सफलता पर आधारित है, जब 2500 पूर्व सैनिकों ने प्रशासन का समर्थन करने के लिए स्वेच्छा से काम किया था।

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सेना के प्रवक्ता सुनील बरतल ने कहा, यह पहल न केवल पूर्व सैनिक समुदाय के अनुशासन, अनुभव व प्रतिबद्धता का उपयोग करती है, बल्कि समावेशी और भागीदारीपूर्ण सुरक्षा का मॉडल भी पेश करती है। पूर्व सैनिक जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों के समग्र समन्वय और जिला प्रशासन व स्थानीय पुलिस के साथ तालमेल में काम करेंगे।

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