दिल्ली सरकार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए वेलफेयर बोर्ड का गठन करेगी – श्री कपिल मिश्रा

एक ऐतिहासिक पहल के तहत, माननीय श्रम मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने आज दिल्ली सचिवालय में गिग वर्कर्स और प्रमुख प्लेटफॉर्म कंपनियों एवं एग्रीगेटर्स जैसे स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट, उबर, अर्बनक्लैप और बिगबास्केट के प्रतिनिधियों के साथ पहली बार बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक, चिकित्सीय और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना था, जो तेजी से बढ़ते गिग इकोनॉमी में उनके कल्याण और अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस बैठक में गिग वर्कर्स को अपनी समस्याओं को सीधे सरकार और एग्रीगेटर्स के सामने रखने का मंच प्रदान किया। उन्होंने लंबे काम के घंटे, अपर्याप्त भुगतान और प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली की कमी जैसी गंभीर समस्याओं को उजागर किया, जिन्होंने उनकी आजीविका को लंबे समय से प्रभावित कर रखा है। गिग वर्कर्स ने बताया कि ये चुनौतियाँ उनके दैनिक जीवन को बड़े स्तर पर प्रभावित कर रही हैं।

गिग वर्कर्स द्वारा उठाए गए मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने कहा, “इन सभी समस्याओं का समाधान प्लेटफॉर्म(कम्पनीज) और एग्रीगेटर्स के सहयोग से किया जाएगा। सरकार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए एक वेलफेयर बोर्ड का गठन करेगी और उनके कल्याण के लिए योजनाएँ तैयार करेगी। मैं प्लेटफॉर्म और एग्रीगेटर्स को यह भी आश्वासन देता हूँ कि उन्हें इंस्पेक्टरों या किसी अन्य अधिकारी द्वारा किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने इन पहलों के समर्थन के लिए बजट में 10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।”

बैठक के दौरान, कई प्लेटफॉर्म कंपनियों और एग्रीगेटर्स ने अपने वर्कर्स के समर्थन में पहले से किए जा रहे प्रयासों को साझा किया। उन्होंने बताया कि वे अपने वर्कर्स को चिकित्सा और दुर्घटना कवरेज, कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम और उनके बच्चों के लिए शैक्षिक सहायता प्रदान कर रहे हैं। इन उपायों का उद्देश्य वर्कर्स के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और उनकी दीर्घकालिक प्रगति व स्थिरता सुनिश्चित करना है।

यह बैठक दिल्ली में गिग इकोनॉमी के प्रति सरकार के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है, जो शहरी अर्थव्यवस्था में गिग वर्कर्स की अहम भूमिका को मान्यता देती है। प्रस्तावित वेलफेयर बोर्ड और बजट आवंटन के साथ,दिल्ली सरकार गिग वर्कर्स के लिए एक मजबूत सपोर्ट प्रणाली बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है,जिससे उन्हें आवश्यक सामाजिक,चिकित्सीय और आर्थिक सुरक्षा प्राप्त हो सके।

यह पहल एक समावेशी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है, जहाँ हर वर्कर सशक्त और संरक्षित हो। दिल्ली सरकार प्लेटफॉर्म कंपनियों, एग्रीगेटर्स और गिग वर्कर्स के साथ निरंतर सहयोग की आशा करती है ताकि राजधानी में गिग इकोनॉमी के लिए एक टिकाऊ और निष्पक्ष ढांचा तैयार किया जा सके।

गिग इकोनॉमी भारत में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है, जो वर्तमान में देशभर में लगभग एक करोड़ वर्कर्स को रोजगार देती है। नीति आयोग के अनुमान के अनुसार, यह संख्या 2029-30 तक बढ़कर 2.4 करोड़ तक पहुँच सकती है। दिल्ली में ही करीब पाँच लाख गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स इस महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं, जो क्षेत्र के विकास में इसकी अहमियत को रेखांकित करता है।

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