‘मोदी हैं तो मुमकिन है…’, पाक से लौटे BSF जवान पूर्णम कुमार की पत्नी बोलीं; भारत वापसी का पहला VIDEO भी आया

पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया है। हुगली जिले के रिसड़ा निवासी पूर्णम 23 अप्रैल को गलती से भारतीय सीमा मार कर पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे। जवान को पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया था। 21 दिन बाद उनकी सुरक्षित वापसी के बाद परिवार में खुशी का माहौल है।
पूर्णम की गर्भवती पत्नी ने भी इस पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद भी कहा है। अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘आज सुबह जब हमें फोन आया कि चिंता मत कीजिए, आपके पति भारत आ गए हैं। वह बिल्कुल ठीक हैं, तो हम बहुत खुश हुए। मैंने अपने पति से भी बात की और वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं।’
‘मोदी हैं तो मुमकिन है…’
उन्होंने आगे कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने मुझसे कहा था कि चिंता मत कीजिए, आपके पति इस सप्ताह वापस आ जाएंगे। उन्होंने भी हमारी बहुत मदद की, वह लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रही थीं।
आगे ये भी कहा कि पिछले दो हफ्ते हमारे लिए अनिश्चितता से भरे रहे और हम सो नहीं सके। हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे। हमारी प्रार्थना आखिरकार कबूल हो गई है।
पूरा देश मेरे साथ खड़ा था। प्रधानमंत्री मोदी हैं तो सब कुछ संभव है। 22 तारीख को पहलगाम हमला हुआ, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के जरिए उन्होंने बदला लिया, मेरे पति को भी वापस ले आए। मैं उनका बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूं।
अटारी बॉर्डर से पूर्णम कुमार का पहला वीडियो
वतन वापसी के बाद पूर्णम कुमार का पहला वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में कुछ गाड़ियों का काफिला नजर आ रहा है।
कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल 2025 को फिरोजपुर सेक्टर में ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे और उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में…
फिर देश की सेवा करेगा बेटा
वही, बेटे की घर वापसी पर पिता भोलानाथ साव ने कहा, ‘मैं केंद्र और राज्य सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मेरे बेटे को पाकिस्तान से रिहा करवाया और उसे वापस भारत लाया। अब जब मेरा बेटा वापस आया है, तो मैं चाहूंगा कि वह एक बार फिर देश की सेवा करे।’
क्या बोले बीएसएफ प्रवक्ता?
बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स ने पूर्णम को बुधवार सुबह 10.30 बजे पंजाब में अटारी-वाघा सीमा पर भारत के सुपुर्द कर दिया। प्रोटोकॉल के तहत शांतिपूर्ण तरीके से यह रिहाई प्रक्रिया हुई। पाकिस्तान रेंजर्स ने पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्यूटी के दौरान अनजाने में सीमा पार करने पर उन्हें पकड़ लिया था।