टोंक जेल में था जान को खतरा, पेशी पर पहुंचे नरेश मीणा का बड़ा बयान, कहा- सीएम अपना वादा निभाएं

समरावता हिंसा और एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में जेल में बंद नरेश मीणा ने सोमवार को टोंक कोर्ट में पेशी के दौरान सनसनीखेज बयान दिया। उन्होंने कहा कि टोंक जेल में हथियार उपलब्ध थे और उनकी जान को खतरा था, इसी कारण उन्हें बूंदी जेल में शिफ्ट किया गया था। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अपना वादा निभाने की अपील की। नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें 23 मार्च तक जेल से रिहा करवाने का वादा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सरकार अपने वादे निभाए।
सोमवार को SC-ST कोर्ट टोंक में नरेश मीणा की चार्ज बहस होनी थी, लेकिन ट्रांसफर होकर आए जज के कार्यभार नहीं संभालने के चलते बहस एक बार फिर टल गई। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई की तारीख 9 मई तय की है। इससे पहले 28 अप्रैल को भी इसी कारण बहस नहीं हो सकी थी।
नरेश की पेशी की खबर लगते ही उनके समर्थक टोंक कोर्ट परिसर पहुंच गए और नारेबाजी की। सरपंच संघ जिलाध्यक्ष मुकेश मीणा और सरपंच आरडी गुर्जर ने कहा कि अगर जल्द रिहाई नहीं हुई तो 15 मई से जयपुर में अनशन शुरू किया जाएगा। समर्थकों ने बताया कि 19 फरवरी को नरेश के पिता कल्याण सिंह मीणा और अन्य लोग मुख्यमंत्री से मिले थे, जिस पर सीएम ने एक माह में रिहाई और अन्य मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। इसी वादे के बाद 25 फरवरी का जयपुर कूच कार्यक्रम टाल दिया गया था।
गौरतलब है कि 13 नवंबर 2024 को समरावता गांव में उपचुनाव के दौरान मतदान का बहिष्कार हुआ था। उस दिन नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था, जिससे गांव में तनाव फैल गया था, इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़पें हुई थीं और कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी। इसके बाद नरेश मीणा को 14 नवंबर को गिरफ्तार कर 15 नवंबर को जेल भेजा गया था। इस मामले में अब तक उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अप्रैल में केस को SC-ST कोर्ट टोंक में ट्रांसफर करवा लिया गया था, जहां चार्ज बहस लंबित है।