पंजाब DGP के अधिकारियों को सख्त आदेश…

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान राज्य में बढ़ रहे नशे को लेकर एक्शन मोड में हैं। सरकार द्वारा युद्ध नशे के विरुद्ध मुहिम शुरू की गई है। इसी बीच पंजाब पुलिस डीजीपी गौरव यादव ने सख्त आदेश जारी करते हुए अल्टीमेडम दे दिया है। डीजीपी ने सीएम के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राज्य को ‘नशा मुक्त पंजाब’ बनाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए गत दिन मंगलवार को जिला पुलिस प्रमुखों को 31 मई तक जमीनी स्तर पर नशे की उपलब्धता को शून्य करने का सख्त अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने पर स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) स्तर तक के सभी अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
डीजीपी ने मंगलवार को विशेष डीजीपी आंतरिक सुरक्षा आर.एन. ढोके, एजीपी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) नीलाभ किशोर एवं ए.डी.जी.पी. कानून एवं व्यवस्था नरेश अरोड़ा के साथ सभी रेंज के पुलिस इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस/डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (आईजीपी/डीआईजी) और पुलिस कमिश्नर ऑफ पुलिस/सीनियर सुपरिडैंट ऑफ पुलिस (सीपी/एसएसपी) की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। राज्य से नशीले पदार्थों के पूर्ण उन्मूलन के लिए मौजूदा कार्य योजना को पूरी तरह से कारगर बनाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि हमने बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें अधिकारियों की जवाबदेही निर्धारित करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर/एसएसपी, डीएसपी और एसएचओ समेत हर अधिकारी को अपने-अपने क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर नशे को खत्म करने में विफल रहने के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि 31 मई के बाद सभी अधिकारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन पेशेवर मानकों, बुद्धिमत्ता और जनता से प्राप्त फीडबैक की मदद से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के बाद अच्छे प्रदर्शन वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा, जबकि खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि पुलिस लक्ष्य राज्य भर में नशीले पदार्थों की उपलब्धता को शून्य करके सप्लाई चेन को पूरी तरह तोड़ना है। पुलिस कमिश्नरों/एसएसपी को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज किए जा रहे मामलों के बीच के संबंधों का पता लगाएं तथा पूरे नेटवर्क का पता लगाकर मामलों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाएं। उल्लेखनीय है कि 3 घंटे तक चली यह बैठक 2 भागों में हुई। पहले भाग में जिलावार कार्य निष्पादन की समीक्षा की गई, जिसमें संबंधित रेंज के आईजीपी/डीआईजी तथा सीपी/एसएसपी के साथ दर्ज एफआईआर की संख्या, उपलब्धियों और कमियों पर चर्चा की गई, जबकि दूसरे भाग में फील्ड अधिकारियों को 31 मई तक अपने-अपने जिलों से नशीले पदार्थों के उन्मूलन के लिए अपनी योजनाएं प्रस्तुत करने को कहा गया।
इस बीच, राज्य में नशे के खात्मे के लिए शुरू किए गए ‘ड्रग्स पर युद्ध’ अभियान को 60वें दिन भी जारी रखते हुए पुलिस टीमों ने पहली मार्च, 2025 से अब तक एनडीपीएस अधिनियम के तहत 4,930 एफआईआर दर्ज की हैं, 7,889 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है तथा 325 किलोग्राम हेरोइन, 100 क्विंटल चूरापोस्त, 157 किलोग्राम अफीम, 95 किलोग्राम गांजा, 21.89 लाख गोलियां/कैप्सूल और 1.50 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद की है। उनके पास से 8.09 करोड़ रुपये बरामद हुए।