अब बिहार की नीतीश सरकार ने शिक्षकों को दी यह सुविधा

बिहार: शिक्षकों को पहले अपनी समस्या प्रखंड या जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास आवेदन देकर बतानी होगी। अगर वहां से कोई कार्रवाई नहीं होती, तब वे ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। शिक्षक पोर्टल पर दर्ज अपनी शिकायत की स्थिति भी ऑनलाइन देख सकते हैं।

शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की शिकायतों को जल्दी और ठीक से निपटाने के लिए एक नई वेबसाइट बनाई है। अब राज्य सरकार के अधीन काम करने वाले शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।

अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि शिक्षकों की शिकायतें अब ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर दर्ज की जाएंगी। इससे शिकायतों को जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक, मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक और खुद अपर मुख्य सचिव भी एक साथ देख सकेंगे।

अगर शिकायत भ्रष्टाचार से जुड़ी है, तो उसे सिर्फ प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक और अपर मुख्य सचिव ही देख सकेंगे।

स्थानीय स्तर पर निपटें समस्याएं
उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतों का समाधान स्थानीय स्तर पर ही किया जाना चाहिए, ताकि शिक्षकों को बार-बार पटना न आना पड़े। अक्सर देखा गया है कि अपनी समस्या लेकर शिक्षक पूरे परिवार के साथ सचिवालय तक पहुंच जाते हैं। इससे उन्हें भी परेशानी होती है और मुख्यालय का काम भी बाधित होता है।

जनता दरबार और पोर्टल दोनों व्यवस्था चालू
हर शनिवार को जिला और प्रखंड स्तर पर जनता दरबार होता है, जिसमें शिक्षक अपनी समस्याएं रख सकते हैं। अगर वहां समाधान नहीं होता, तभी ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।

क्या करें शिक्षक?
शिक्षकों को पहले अपनी समस्या प्रखंड या जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास आवेदन देकर बतानी होगी। अगर वहां से कोई कार्रवाई नहीं होती, तब वे ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। शिक्षक पोर्टल पर दर्ज अपनी शिकायत की स्थिति भी ऑनलाइन देख सकते हैं।

कौन-कौन सी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं शिक्षक?

लंबित वेतन भुगतान

अवकाश और सेवा से जुड़े मामले

पीएम पोषण योजना से जुड़ी दिक्कतें

स्कूलों में भ्रष्टाचार या यौन उत्पीड़न

किसी अन्य शिक्षक या स्कूल के खिलाफ शिकायत

ट्रांसफर (स्थानांतरण) की समस्या

कोई आपात स्थिति या सुझाव

शिक्षकों को कार्यालयों के चक्कर न लगाने की सलाह
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षक स्कूलों में रहकर पढ़ाई का काम करें। बेवजह दफ्तरों के चक्कर लगाना उनके समय की बर्बादी है। यही कारण है कि यह ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है।

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