अगर बच्चा नहीं सुन रहा है आपकी बात, तो गुस्से की जहग इन 10 तरीकों से समझाएं उन्हें अपनी बात!

कई बार बच्चे अपने पेरेंट्स की बात नहीं सुनते हैं। जिद्द में आकर या नासमझी में ऐसा कई बार करते हैं। इसके कारण कई बार माता-पिता गुस्सा होकर उन्हें डांट देते हैं या उन्हें सजा दे देते हैं। लेकिन इसका उन पर पॉजिटिव असर होगा यह जरूरी नहीं है। आइए जानें कुछ ऐसे तरीके (Parenting Tips) जिनसे बच्चे आपकी बात समझदारी से सुनने लगेंगे।
पेरेंटिंग (Parenting Tips) काफी चैलेंजिंग हो सकती है। खासकर अगर बच्चे आपकी बात सुनना बंद कर दें। अगर आपका बच्चा भी आपकी बात अनसुनी कर देता है, तो यह न सिर्फ आपको निराश कर सकता है, बल्कि गुस्सा भी दिला सकता है।
हालांकि, गुस्सा करने के बजाय, कुछ सही तरीकों से आप बच्चे को समझदारी से सुनने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं। यहां हम 10 असरदार तरीके (Parenting Tips) बता रहे हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं।
शांत रहें और गुस्से पर काबू रखें
जब बच्चा आपकी बात नहीं सुनता, तो गुस्सा आना स्वाभाविक है। लेकिन चिल्लाने या डांटने से समस्या और बढ़ सकती है। इसकी बजाय गहरी सांस लें और शांत होकर बच्चे से बात करें। शांत स्वर में बोलने से बच्चा आपकी बात को गंभीरता से लेगा।
आई कॉन्टेक्ट बनाएं
कई बार बच्चे इसलिए नहीं सुनते, क्योंकि वे पूरी तरह ध्यान नहीं दे रहे होते। जब भी आप उनसे कुछ कहें, उनकी आंखों में देखकर बात करें। इससे वे समझेंगे कि आपकी बात जरूरी है।
साफ और आसान इंस्ट्रक्शन दें
बच्चे मुश्किल या उलझी हुई बातों को समझ नहीं पाते हैं। इसलिए उन्हें साफ और छोटे वाक्यों में निर्देश दें। बड़े वाक्य उन्हें समझने में परेशानी होती है और वे कन्फ्यूज हो सकते हैं।
पॉजिटिव रहें और प्रोत्साहन दें
बच्चे अक्सर नेगेटिव बातों को अनसुना कर देते हैं। इसलिए उन्हें डांटने की बजाय पॉजिटिव तरीके से समझाएं। जैसे, “तुमने अपना होमवर्क नहीं किया?” की जगह “चलो, होमवर्क करते हैं” कहें।
उनकी भावनाओं को समझें
कभी-कभी बच्चे इसलिए नहीं सुनते, क्योंकि वे किसी बात से परेशान होते हैं। उनके इमोशन्स को समझकर प्यार से पूछें, “क्या तुम किसी बात से परेशान हो?” इससे वे खुलकर बात करेंगे।
रूटीन बनाएं
बच्चों को नियमित दिनचर्या पसंद होती है। अगर वे जानते हैं कि उन्हें हर दिन एक फिक्स समय पर होमवर्क करना है या सोना है, तो वे आपकी बात मानने के आदी हो जाएंगे।
उन्हें विकल्प दें
बच्चों को कंट्रोल में होने का एहसास कराने के लिए उन्हें विकल्प दें। जैसे, “तुम अभी सोना चाहते हो या 10 मिनट बाद?” इससे वे जिद्दी नहीं होंगे और आपकी बात मानेंगे।
सजा की बजाय रिजल्ट समझाएं
सजा देने से बच्चे डर सकते हैं, लेकिन उनके काम का कैसा रिजल्ट हो सकता है, यह समझाने से वे सीखते हैं। जैसे, “अगर तुमने खाना नहीं खाया, तो तुम्हें भूख लगेगी।”
खुद एक अच्छे लिसनर बनें
अगर आप चाहते हैं कि बच्चा आपकी बात सुने, तो पहले आप उसकी बात सुनें। जब वे बोलें, तो ध्यान से सुनें और उनकी बातों का जवाब दें।
प्यार और सहानुभूति दिखाएं
बच्चे प्यार और सहानुभूति के साथ दी गई सलाह को ज्यादा गंभीरता से लेते हैं। उन्हें बताएं कि आप उनसे प्यार करते हैं और उनकी भलाई चाहते हैं।