सफाई के लिए सभी एसटीपी का थर्ड पार्टी ऑडिट होगा, 37 में से 30 संयंत्रों का संचालन निजी कंपनियों के हाथ

यमुना नदी को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को राजधानी में मौजूद सभी 37 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) का थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया है।

डीजेबी की सीवेज प्रबंधन शाखा के साथ समीक्षा बैठक में मंत्री को राजधानी की सीवेज संरचना की वर्तमान क्षमता और अपग्रेडेशन कार्यों की स्थिति से अवगत कराया गया। इस दौरान मंत्री ने डीजेबी को सभी एसटीपी की क्षमता और वास्तविक ट्रीटमेंट की स्पष्ट जानकारी के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट का निर्देश दिया।

जल मंत्री ने कहा कि यमुना में अब भी बड़ी मात्रा में बिना ट्रीटमेंट का सीवेज गिर रहा है। दिल्ली सरकार इस प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रही है। ऑडिट इसी रणनीति का हिस्सा है, जिसकी रिपोर्ट के बाद आगे के निर्देश जारी किए जाएंगे। वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने एसटीपी की मरम्मत और आधुनिकीकरण के लिए 500 करोड़ रुपये और पुरानी सीवर लाइनों को बदलने के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

37 में से 30 एसटीपी का संचालन निजी कंपनियों के जरिये किया जा रहा है। मंत्री ने इन ऑपरेटरों को अपनी क्षमता और गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले इसी महीने जल मंत्री ने ओखला में एशिया की सबसे बड़ी 564 एमएलडी क्षमता वाली वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट फैसिलिटी के पूरी तरह चालू होने की घोषणा की थी।

साथ ही डीजेबी ने विकेन्द्रित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (डीएसटीपी) परियोजना पर भी काम शुरू कर दिया है। यह ऑडिट और अधोसंरचना सुधार दिल्ली सरकार की उस व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य आने वाले वर्षों में यमुना को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाना है।

वर्तमान में 37 एसटीपी में से 18 का अपग्रेडेशन कार्य चल रहा है, जबकि सोनिया विहार, दिल्ली गेट और ओखला में तीन नए एसटीपी तैयार किए जा रहे हैं, जिससे करीब 47 एमजीडी अतिरिक्त क्षमता जुड़ने की उम्मीद है।

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