पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पहले चरण की ‘गंगा सम्मान यात्रा’ का हुआ समापन

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत की पहले चरण की ‘गंगा सम्मान यात्रा’ का समापन हो गया है. इसका समापन ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में गंगा जी की पूर्जा-अर्चना कर किया. उनकी इस यात्रा पर सियासत भी जमकर हो रही है. बीजेपी विधायक महंत दिलीप रावत ने हरीश रावत की यात्रा पर सवाल उठाए. उन्होंने उनकी इस यात्रा खास धर्म के लिए प्रचार तक करार दिया. इस पर पलटवार करते हुए हरीश रावत ने कहा कि मैं गंगा सम्मान यात्रा पर क्या निकल पड़ा, मेरे कई पुराने कट-कट्टू दोस्तों को काम मिल गया.
बता दें कि हरीश रावत ने उत्तरकाशी के मुखबा से ‘गंगा सम्मान यात्रा’ की शुरुआत की थी. जिसका समापन ऋषिकेश के गंगा घाट पर हुआ. इस यात्रा के जरिए हरीश रावत ने अपने कार्यकर्ताओं को जगाने के साथ बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का काम किया. सियासी गलियारों में इस यात्रा की चर्चा आगामी 2027 विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी की जा रही है. इसी बीच हरीश रावत ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए पुराने कांग्रेसियों की ओर से यात्रा पर तंज कसे जाने का करारा जवाब दिया है और उनकी तुलना ‘जोंक’ से की है.
पूर्व सीएम ने विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘उनकी स्थिति बीजेपी में इतनी दयनीय हो गई थी कि जिस तरीके से किसी ठंडी जगह पर जोंकों की स्थिति हो जाती है. जब तक बारिश नहीं होती है तो जोंक खाली लपलपाते हुए बड़े कमजोर से दिखाई देती है. यही स्थिति उन लोगों के साथ भी दिखाई दे रही है. इस समय उन्हें कुछ काम मिल गया, मुझे संतोष हो रहा है कि चलो मेरे बहाने ही सही, उन दोस्तों का कुछ तो उनकी प्रासंगिकता बीजेपी में बनी.’