8 जिलों में 900 एकड़ फसल राख, सरकार ने मांगी रिपोर्ट, किसानों ने रोड जाम कर मांगा मुआवजा

हरियाणा में वीरवार व शुक्रवार को आंधी ने फसलों को दोहरा नुकसान पहुंचाया है। मंडियों में बारिश से फसलें भीग गईं और खेतों में आग से तबाह हो गई। आठ जिलों में खेतों में गेहूं की खड़ी फसल को लगी आग के मामलों पर सरकार को भी कड़ा संज्ञान लेना पड़ा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को कृषि विभाग से रिपोर्ट मांगी कि आग कब, कहां व कितने एकड़ में लगी और वजह क्या रही। आंधी से बिजली के तारों में शार्ट-सर्किट होने से ज्यादातर जगह आग लगी। अब तक 900 एकड़ फसल जलने का अनुमान है।

अकेले झज्जर में 200 एकड़ व कुरुक्षेत्र में 57 एकड़ फसल राख हो गई। यहां आग की चपेट में आने से कई पशु भी जल गए। इसके अलावा, जींद, कुरुक्षेेत्र, यमुनानगर, हिसार, सिरसा, भिवानी और फतेहाबाद जिले में आग लगने से 100 एकड़ गेहूं की फसल जल गई। झज्जर में फसल जलने से नाराज किसानों ने जाम लगाया और मुआवजा मांगा। आग की घटनाओं के बाद शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने खेतों में जाकर बर्बाद हुई फसलों का आकलन भी किया।

उठान न होने से मंडी में खुले में पड़ी गेहूं भीग गई है। यह व्यवस्था में कमी का नतीजा है। इसलिए सरकार गेहूं खरीद में नमी में दो फीसदी नमी छूट दे सकती है। विभिन्न जिलों में दो दिन बूंदाबांदी हुई। बारिश से खेतों व मंडियों में खुले में पड़ी फसल भीग गई है, इसलिए नमी की ज्यादा शिकायत मिल रही है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से अनुरोध करके सरकार जल्द छूट का एलान कर सकती है। अभी किसानों को केवल 12 फीसदी की छूट है।

सरकार ने सभी जिलों के डीसी, मंडी बोर्ड, कृषि विभाग और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंडियों में आने वाले गेहूं के एक-एक दाने की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सुनिश्चित की जाए। प्रदेश की सभी 417 मंडियों में अतिरिक्त इंतजाम करने को कहा है।

उठान अब भी सुस्त : 52.40 लख मीट्रिक टन गेहूं पहुंचा, 16.44 ही उठा
मंडियों में उठान अब भी धीमी है। शनिवार शाम तक कुल 52.40 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं की आवक हो चुकी है, जबकि मात्र 16.44 एलएमटी गेहूं ही उठ पाया। विभिन्न एजेंसियां 45.43 एलएमटी गेहूं खरीद चुकी हैं। सरकार का दावा है कि 2,65,064 किसानों को 2498 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।

आवक की रफ्तार तेज, उठान धीमी…अब आगे यह समस्या
सरकार ने मंडियों में गेहूं की खरीद जल्द तो शुरू करवा दी पर खरीद एजेंसियों की तैयारियों पर निगरानी नहीं रखी। इसी लापरवाही के कारण एजेंसियों की तरफ से मंडी लेबर कांट्रेक्टर (एमएलसी) और मंडी ट्रांसपोर्ट कांट्रेक्टर (एमटीसी) की तैयारी के बगैर मंडी में गेहूं की खरीद शुरू कर दी, जिससे उठान में तकरीबन एक सप्ताह से ज्यादा देरी हो गई। अभी 22 से 24 एलएमटी गेहूं की आवक अनुमानित है।

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