गर्मी में कहीं बम की तरह न फट जाए आपका AC या फ्रिज! जरूर फॉलो करें ये सेफ्टी टिप्स

गर्मी में एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर आदि का इस्तेमाल बढ़ जाता है, जिससे ओवरहीटिंग, जलने या ब्लास्ट होने का खतरा ज्यादा रहता है। इन दिनों वोल्टेज उतार-चढ़ाव से बचाव बेहद जरूरी है। पावर सप्लाई अनस्टेबल होने से अप्लायंसेज पर अचानक ज्यादा या कम वोल्टेज का असर पड़ सकता है। इससे उपकरण जल सकते हैं या उनमें शॉर्ट सर्किट हो सकता है, इसलिए एसी और फ्रिज के साथ वोल्टेज स्टेबलाइजर और सर्ज प्रोटेक्टर लगवाना जरूरी है। ये उपकरण वोल्टेज को स्टेबल रखते हैं। समय-समय पर सर्विसिंग कराना भी जरूरी है। इससे फिल्टर, कंडेंसर और अन्य जरूरी हिस्से साफ रहते हैं, जिससे उनकी कूलिंग कैपेसिटी बनी रहती है और ओवरलोड की समस्या नहीं आती है।
ओवरलोडिंग से बचें
एसी के लगातार चलने या बहुत कम तापमान सेट करने से कंप्रेसर का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, जो खतरनाक है। एसी को 24-26 डिग्री सेल्सियस पर सेट करें, क्योंकि हर डिग्री कम करने से ज्यादा बिजली और दबाव बढ़ता है। वहीं, रेफ्रिजरेटर में सामान को सही तरीके से रखें, ताकि एयर फ्लो बना रहे। फ्रीजर को जीरो डिग्री सेल्सियस और कूलिंग को 4-5 डिग्री सेल्सियस पर रखें। कंप्रेसर का ड्यूटी साइकिल 50-60 प्रतिशत होना चाहिए। ज्यादा होने पर ओवरहीटिंग होती है। इससे कंप्रेसर की लाइफ 20-30 प्रतिशत बढ़ती है व बिजली खपत कम होती है।
सही वेंटिलेशन
उपकरणों के आसपास सही वेंटिलेशन न होने से गर्मी बाहर नहीं निकल पाती है, जिससे कंप्रेसर ओवरहीट हो सकता है। एसी की आउटडोर यूनिट को दीवार से 12-18 इंच दूर रखें। इसे सीधी धूप से बचाने के लिए शेड लगाएं। वहीं रेफ्रिजरेटर के पीछे और साइड में 6-12 इंच की जगह दें और इसे गैस स्टोव या अवन जैसे गर्म सोर्स से दूर रखें। आसपास पर्दे, फर्नीचर या पौधे न रखें, क्योंकि ये एयर फ्लो को रोकते हैं।
रेफ्रिजरेंट लेवल चेक करें
रेफ्रिजरेंट (जैसे आर32, आर410ए) ठंडक पैदा करते हैं। इनका लेवल कम होने या लीक होने पर कंप्रेसर ज्यादा मेहनत करता है, जिससे ओवरहीटिंग और ब्लास्ट का खतरा बढ़ता है। अगर ठंडक कम हो रही हो या आवाज आए तो चेक करवाएं। ज्यादा रेफ्रिजरेंट भी दबाव बढ़ाता है, जो खतरनाक हो सकता है। प्रेशर 300-400 पीएसआई से ज्यादा न हो वरना कंप्रेसर पर दबाव बढ़ेगा। सही रेफ्रिजरेंट लेवल से कूलिंग बेहतर होगी।
अतिरिक्त सावधानियां और आपात तैयारी
तूफान या बिजली कटौती के दौरान उपकरण अनप्लग करना चाहिए ताकि पावर सर्ज से नुकसान न हो। रेफ्रिजरेटर की ग्रिल को हर दो महीने में वैक्यूम करें और एसी की आउटडोर यूनिट को हल्के पानी से धोएं। घर में स्मोक डिटेक्टर, फायर एक्सटिंग्विशर और एमसीबी लगाएं। तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होने पर मशीन बंद कर दें। ब्लास्ट 80-90 डिग्री सेल्सियस पर होता है।
समय पर रिपेयर और रिप्लेसमेंट
छोटी खराबी नजरअंदाज करने से बड़ा नुकसान हो सकता है। शोर, कम ठंडक, बिजली की गंध या बार-बार ट्रिपिंग होने पर तुरंत टेक्नीशियन को दिखाना जरूरी होता है। कंप्रेसर का कूलिंग प्रेशर 150-200 पीएसआई से कम होने पर रिपेयर कराना जरूरी है। 10-15 साल पुराने एसी या रेफ्रिजरेटर में कंप्रेसर कमजोर हो जाता है। इसे समय पर बदलने से उपकरण को जलने या ब्लास्ट होने से रोका जा सकता है।
इलेक्ट्रिकल सेफ्टी का ध्यान रखें
गर्मी में वोल्टेज में उतार-चढ़ाव, शॉर्ट सर्किट या वायरिंग का पिघलना आम है, जो आग या ब्लास्ट का कारण बन सकता है। एसी के लिए 4-5 केवीए और रेफ्रिजरेटर के लिए 1-2 केवीए का स्टेबलाइजर लगाएं, जो 170-270 के बीच वोल्टेज को स्थिर रखता है। एक्सटेंशन कार्ड से बचें और डायरेक्ट 15ए साकेट से कनेक्शन दें। हर छह महीने में स्विच और साकेट की जांच करें। अगर प्लग गर्म हो रहा हो या प्लास्टिक की गंध आए तो तुरंत ठीक करवाएं।
नियमित रखरखाव, सही उपयोग और तकनीकी सावधानियां न केवल उपकरणों की उम्र बढ़ाएंगी, बल्कि आपके घर को सुरक्षित भी रखेंगी। गर्मी में इनकी देखभाल को नजरअंदाज न करें और किसी भी संदेह पर प्रोफेशनल टेक्नीशियन की मदद लें।