स्थानीय लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ, सुरक्षाबलों को दी जानकारी और भोजन उपलब्ध कराया

जम्मू-कश्मीर: हीरानगर में मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों को महत्वपूर्ण जानकारी, भोजन और पानी उपलब्ध कराया, जबकि आतंकी गतिविधियों से क्षेत्र में फिर से दहशत फैल गई।
हीरानगर के जुथाना-सुफैन अंबे नाल इलाके में सुबह आठ बजे शुरू हुए मुठभेड़ के दौरान स्थानीय ग्रामीण भी सुरक्षाबलों के साथ मदद के लिए आगे आए। उन्होंने न केवल इलाके की विस्तृत जानकारी दी, बल्कि सुरक्षाकर्मियों के लिए भोजन और पानी की भी व्यवस्था की। जब खाना खत्म हो गया तो मौके पर ही ताजा भोजन बनाया गया और सुबह से डटे हुए जवानों की सहायता की गई।
लोगों की चिंता बढ़ी
इस क्षेत्र के निवासियों ने 1990 के दशक में आतंकी घटनाओं का दंश झेला है। हाल ही में आतंकियों की मौजूदगी के कारण लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया था। एक बार फिर आतंकियों की गतिविधियों ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। उज्ज दरिया के किनारे बसे जुथाना, सुफैन, घाटी, मलामन, बिलावर और धराल्ता जैसे गांवों के लोग दहशत में हैं। मुठभेड़ जारी रहने के कारण शाम ढलते ही लोगों ने घरों से बाहर निकलने से परहेज किया।27 मार्च 2025 की घटनाओं की टाइमलाइन
सुबह 8:00 बजे: सुफैन के अंबे नाल में बिलावर की ओर बढ़ रहे आतंकियों से जम्मू-कश्मीर पुलिस की गोलीबारी हुई।
सुबह 10:30 बजे: मुठभेड़ के दौरान घायल जवानों को निकालने गए एक एसपीओ को गोली लगी, उसे जीएमसी भेजा गया।
सुबह 11:30 बजे: डीआईजी शिव कुमार और आईजीपी भीम सेन मुठभेड़ स्थल पर पहुंचे।
शाम 4:00 बजे: एक अन्य घायल एसपीओ को जीएमसी कठुआ के लिए रवाना किया गया।
शाम 5:00 बजे: एक पैरा कमांडो घायल होने पर उसे एयरलिफ्ट किया गया।
शाम 6:00 बजे: भारी गोलाबारी शुरू हुई, सेना ने ड्रोन से आतंकियों पर विस्फोटक गिराए।
रात 8:00 बजे: गोलीबारी थम गई।