‘चुनाव आयोग वेबसाइट पर बूथ वार मतदान आंकड़ा प्रकाशित करने पर चर्चा को तैयार’, ईसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग के उस रुख पर विचार किया, जिसमें उसने अपनी वेबसाइट पर बूथवार मतदान का आंकड़ा अपलोड करने की मांग पर चर्चा करने की बात कही है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को 10 दिनों के भीतर चुनाव आयोग के समक्ष अपनी प्रस्तुति देने के लिए कहा है।
पीठ ने इस याचिका पर की सुनवाई
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स द्वारा 2019 में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।
इन याचिकाओं में चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान समाप्ति के 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट पर बूथवार मतदान का डाटा अपलोड करे।चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं।
याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैं
उन्होंने कहा- ”अब एक नए मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। याचिकाकर्ता उनसे मिल सकते हैं और इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है।” चीफ जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैं और आयोग उन्हें सुनवाई का अवसर देगा। प्रस्तुति 10 दिनों के भीतर दी जाए।सुनवाई के दौरान, एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि ईवीएम की गिनती और मतदान केंद्रों पर आने वाले व्यक्तियों की संख्या में भारी विसंगतियां थीं।
महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने तर्क दिया कि दिन के अंत में 10 का मतदान अगले सुबह 50 कैसे हो गया, इसे समझाने की जरूरत है। मामले में अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को होगी।
चुनाव आयोग अपने सॉफ्टवेयर में फर्जी वोटरों का पता लगाने को पेश करेगा नया विकल्प
तृणमूल कांग्रेस द्वारा फर्जी मतदाताओं का मुद्दा उठाए जाने के बीच चुनाव आयोग ने फर्जी मतदाताओं का पता लगाने के लिए अपने सॉफ्टवेयर में एक नया विकल्प पेश करने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि नए विकल्प से निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि किसी विशेष वोटर आईकार्ड संख्या (ईपीआइसी नंबर) से कई नाम जुड़े हैं या नहीं। सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है।अधिकारी ने कहा कि सोमवार को राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें उन्हें डुप्लीकेट ईपीआइसी नंबर को सही करने के लिए एक नए माड्यूल के बारे में बताया गया है।
मतदाता सूची में सुधार 21 मार्च तक पूरा करने का आदेश
बंगाल के कार्यवाहक मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिव्येंदु दास ने सोमवार को जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की और फैसले के बारे में जानकारी दी। कहा कि बंगाल की मतदाता सूची में सुधार 21 मार्च तक पूरा करने का आदेश दिया गया है।