सिरोही: केंद्र की उदासीनता से बंद होने की कगार पर आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र

जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सकों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां नहीं होने से कई आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्रों के बंद होने की स्थिति पर चिंता जताते हुए राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने राज्य सरकारों को मार्गदर्शन एवं वित्तीय सहायता देने की मांग की।
सांसद नीरज डांगी ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से राज्यसभा में मंगलवार को कहा कि जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सकों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां नहीं होने के कारण कई आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र बंद होने की स्थिति में पहुंच गए हैं। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए तत्काल राज्य सरकारों को मार्गदर्शन एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की।
सांसद नीरज डांगी ने कहा कि जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सकों के कई पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। इसके कारण कई चिकित्सा केंद्र बंद होने की कगार पर हैं, जबकि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की मांग आमजन के बीच तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस समस्या की अनदेखी कर रही हैं।
उनके सवाल के जवाब में केंद्रीय आयुष मंत्री ने स्पष्ट किया कि राजस्थान सहित देशभर में आयुर्वेदिक चिकित्सकों की रिक्तियों का कोई आधिकारिक डेटा केंद्र सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इन पदों को भरने की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) के तहत 50/30/10 बिस्तरों वाले एकीकृत आयुष चिकित्सालयों की स्थापना के लिए विशिष्ट एकल आयुष अस्पतालों को उन्नत करने की योजना है। इसके तहत राज्यों को केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने होंगे, जिसके बाद ही कोई कार्रवाई संभव हो सकेगी।
आयुष मंत्री ने यह भी बताया कि भारत सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में आयुष सुविधाओं को सह-स्थापित करने की नीति अपनाई है। इसका उद्देश्य रोगियों को एक ही स्थान पर विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के विकल्प उपलब्ध कराना है, लेकिन पर्याप्त आयुष चिकित्सक न होने के कारण इस योजना का लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है।
एक अन्य पूरक प्रश्न के तहत सांसद नीरज डांगी ने केंद्रीय आयुष मंत्री से पूछा कि आयुष उत्पादों के निर्यात की निगरानी और व्यापार संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए आयुष निर्यात संवर्धन परिषद की स्थापना के बाद केंद्र सरकार ने क्या रणनीतियां बनाई हैं। इस पर आयुष मंत्री कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके और उन्होंने कहा कि यह प्रश्न उनके मंत्रालय से संबंधित नहीं है, जबकि ह प्रश्न सीधे-सीधे आयुष मंत्रालय से जुड़ा हुआ था।
सांसद नीरज डांगी ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्रों को बंद होने से बचाने के लिए आयुष चिकित्सकों की भर्ती शीघ्र की जाए और राज्यों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए, ताकि आयुर्वेदिक चिकित्सा सेवाओं का लाभ जनता तक पहुंच सके।