एक अप्रैल से बदल जाएंगे जीएसटी के नियम, जानिए आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर

 जीएसटी डाटा को चुराना और जीएसटी में फर्जीवाड़ा करना अब आसान नहीं होगा। आगामी एक अप्रैल से जीएसटी में पंजीकृत सभी यूजर्स के लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) नियम लागू होने जा रहा है।

एमएफए के लागू होने से जीएसटी इस्तेमाल करने वाले किसी अन्य यूजर के डाटा को चुराना और जीएसटी में किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा करना आसान नहीं होगा।

जीएसटी पोर्टल पर अपडेट करें नंबर

एमएफए के तहत वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के बिना यूजर लॉग-इन नहीं कर पाएंगे। इसलिए सभी यूजर को इस माह में जीएसटी पोर्टल पर अपने फोन नंबर को अपडेट कर लेना चाहिए ताकि ओटीपी प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं हो।

एक अप्रैल से सभी यूजर्स के लिए अनिवार्य

इस साल एक जनवरी से प्रयोगात्मक तौर पर 20 करोड़ से अधिक टर्नओवर वालों के लिए एमएफए को लागू किया गया था। फिर गत एक फरवरी से पांच करोड़ टर्नओवर वालों के लिए अनिवार्य किया गया। अब एक अप्रैल से सभी यूजर्स के लिए इसे अनिवार्य किया जा रहा है।

कारोबारियों के लिए नया अपडेट

एक अप्रैल से ई-वे बिल के नियम में भी बदलाव किया जा रहा है। एक अप्रैल से 10 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों को 30 दिनों के भीतर अपने ई-इनवायस की जानकारी इनवॉयस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (आईआरपी) में पर देना अनिवार्य होगा। 30 दिनों के भीतर जानकारी नहीं देने पर इनवॉयस खारिज हो जाएगा। अभी यह नियम 100 करोड़ और उससे अधिक टर्नओवर वालों के लिए लागू है।

होटल के रेस्टोरेंट में खाना हो सकता है महंगा

आगामी एक अप्रैल से होटल के रेस्टोरेंट में खाना थोड़ा महंगा हो सकता है। एक अप्रैल से 7500 रुपए से कम रूम किराए वाले होटल के लिए 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेने की सुविधा उपलब्ध होगी।

अभी जिन होटल में कमरे का किराया 7500 रुपए से कम है, वहां के रेस्टोरेंट में खाना खाने पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है। अगर ये होटल वाले 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ आईटीसी की सुविधा को अपनाते हैं तो यहां के रेस्टोरेंट में खाना महंगा हो जाएगा।

आगामी एक अप्रैल से पुरानी सामान्य एवं इलेक्टि्रक कार की बिक्री पर 12 प्रतिशत की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। सेकेंड हैंड कारों की बिक्री करने वाली एजेंसियों के लिए यह नियम लागू होगा।

Back to top button