जम्मू-कश्मीर: पिग बुचरिंग में उधमपुर के युवक से 22 लाख की ठगी

उधमपुर में एक युवक को क्रिप्टोकरेंसी निवेश के नाम पर पिग बुचरिंग ठगी का शिकार बनाकर 22 लाख रुपये हड़प लिए गए, साइबर अपराध जांच केंद्र ने चेतावनी जारी की है।
साइबर अपराध में लोगों को ठगने का एक नया तरीका सामने आया है, जिसे पिग बुचरिंग का नाम दिया गया है। यह शब्द इस बात को संदर्भित करता है कि कैसे साइबर ठग लोगों को कुछ पैसा जमा कराने पर मोटी वापसी का झूठा वादा देते हैं और फिर उनके निवेश को हड़प लेते हैं। ऐसा ही एक मामला उधमपुर में सामने आया है, जहां एक युवक को क्रिप्टोकरेंसी निवेश योजना में 7 हजार रुपये का लाभ दिखाकर उससे 22 लाख रुपये ठग लिए गए।
इस ठगी के बाद क्राइम ब्रांच के साइबर अपराध जांच उत्कृष्टता केंद्र ने एडवाइजरी जारी कर दी है। डीएसपी सचित महाजन का कहना है कि पिग बुचरिंग एक ऑनलाइन वित्तीय घोटाला है, जिसमें साइबर अपराधी समय के साथ पीड़ितों के साथ विश्वास बनाते हैं।
वे उन्हें नकली क्रिप्टोकरेंसी या स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं। एक बार जब पीड़ित फंस जाता है, तो उसे अपने पैसे वापस लेने के लिए बार-बार पैसे जमा करने के लिए कहा जाता है। जब वे धन निकालने का प्रयास करते हैं, तो उनका खाता या तो ब्लॉक कर दिया जाता है या उन्हें अतिरिक्त शुल्क देने के लिए कहा जाता है। अंत में, ठग गायब हो जाते हैं, जिससे पीड़ितों को भारी वित्तीय नुकसान होता है।
केस 1
उधमपुर के एक व्यक्ति ने सबसे पहले 500 रुपये जमा कराए। इस पर उसे 700 रुपये वापस मिले। इसके बाद 700 रुपये जमा किए तो 900 रुपये मिले। 900 रुपये जमा करने पर 1,500 रुपये और इसके बाद अंतिम पैसे जमा करने पर 7,000 रुपये का लाभ मिला। इसे देखकर पीड़ित ने सीधे 2 लाख रुपये जमा करा दिए, जिसके बदले कुछ नहीं मिला। उल्टा 2 लाख रुपये वापस लेने के लिए उसे 22 लाख रुपये लगाने पड़े।
केस 2
जम्मू शहर में भी दो मामले सामने आए हैं। इन लोगों ने शिकायत की है कि अधिक पैसे जमा कराने पर निवेश किया। थोड़े समय तक तो लाभ मिलता रहा, लेकिन जब मोटी रकम लगाई गई, तो पैसे नहीं मिले और ठग गायब हो गए।
पिग बुचरिंग क्या है?सीधे शब्दों में कहें तो, इसमें आपको थोड़े से पैसे जमा कराने पर मोटी रकम वापस देने की बात कही जाएगी। कुछ देर के लिए तो पैसे जमा कराने पर बढ़ा हुआ पैसा वापस किया जाएगा, लेकिन जब मोटी रकम लगा दी जाएगी, तो कुछ नहीं मिलेगा।
कैसे रहें सुरक्षित?
संपर्कों को सत्यापित करें: यदि निवेश के लिए संपर्क किया जाता है, तो उनकी पहचान सत्यापित करें।
असत्यापित निवेश प्लेटफॉर्म से बचें: हमेशा एसईबीआई और आरबीआई के साथ पंजीकृत विश्वसनीय वित्तीय सेवाओं का उपयोग करें।
जल्दी अमीर बनने की योजनाओं से सावधान रहें: कोई भी वैध निवेश बिना किसी जोखिम के अवास्तविक लाभ प्रदान नहीं करता है।
वित्तीय विवरण साझा न करें: कभी भी अजनबियों के साथ बैंक विवरण, ओटीपी या वॉलेट क्रेडेंशियल साझा न करें।
संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: यदि आपको धोखाधड़ी का संदेह है, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करें या साइबरक्राइम.जीओवी.इन पर शिकायत करें।
अगर आप पीड़ित हैं तो क्या करें?
तुरंत लेन-देन बंद करें: अधिक पैसे ट्रांसफर न करें या आगे निवेश करके नुकसान की भरपाई करने का प्रयास न करें।
अपने बैंक को सूचित करें: लेन-देन को रोकने और धन की वसूली में सहायता के लिए अपने बैंक से संपर्क करें।
साक्ष्य सुरक्षित रखें: जांच के लिए संदेश, ईमेल और लेन-देन रिकॉर्ड सुरक्षित रखें।