हर साल हजारों पशु-पक्षियों की जान बचा रहा दिल्ली का दमकल विभाग

वर्ष 2024 में दमकल कर्मियों ने 3467 पशु और 2789 पक्षियों की जान बचाई। वहीं, वर्ष 2023 में 3510 पशु और 3809 पक्षियों की जान बचाई गई। इस साल यानी वर्ष 2025 के शुरुआती दो माह की बात करें तो जनवरी और फरवरी 490 पशु और 351 पक्षियों की जान बचाई गई।
पतंग की डोर में उलझे कबूतर से लेकर गड्ढे में गिरी गाय को बचाने तक दिल्ली का दमकल विभाग हर साल हजारों बेजुबानों की जान बचाता है। कई बार कई-कई घंटे चले ऑपरेशन के बाद दमकलकर्मी अपनी जान पर खेलकर इनको बचाते हैं। दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक इंसानी जान की तरह परिंदों और जानवरों की जान भी उनके लिए महत्वपूर्ण हैं।
अधिकारियों का कहना है कि जानवरों और पक्षियों के लिए हम मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं। दैनिक जीवन में पशु-पक्षी इसका शिकार भी हो रहे हैं। हर साल स्वतंत्रता दिवस के आसपास उड़ने वाली पतंग की डोर में हजारों पक्षियों की जान चली जाती है। सबसे ज्यादा पक्षियों को बचाने की कॉल जुलाई, अगस्त और सितंबर में आती हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, वर्ष 2024 में दमकल कर्मियों ने 3467 पशु और 2789 पक्षियों की जान बचाई। वहीं, वर्ष 2023 में 3510 पशु और 3809 पक्षियों की जान बचाई गई। इस साल यानी वर्ष 2025 के शुरुआती दो माह की बात करें तो जनवरी और फरवरी 490 पशु और 351 पक्षियों की जान बचाई गई। दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि इंसानी जान के अलावा विभाग के लिए हर बेजुबान जानवर और पक्षियों की जान भी बेहद महत्वपूर्ण है। कई बार तो दमकलकर्मी अपनी जान पर खेलकर इन बेजुबानों की जान बचाते हैं। कई बार जानवर दमकल कर्मियों को नुकसान भी पहुंचाते हैं, लेकिन इसकी परवाह नहीं की जाती।
अक्सर गाय या दूसरे जानवरों के नाले या किसी गहरे गड्ढे में गिरने की कॉल आती है। इसके अलावा पेड़ों और तारों पर लटके मांझे में पक्षी उलझकर फंस जाते हैं। कई बार किसी ऊंची इमारत पर बिल्ली, बंदर या कोई दूसरा पशु-पक्षी फंसाता है तो उसको भी बचाने के लिए पूरी जान लगा दी जाती है।गर्ग ने बताया कि पशु और पक्षियों को बचाने के लिए वह आधुनिक से आधुनिक मशानों का इस्तेमाल करते हैं। बेजुबानों को बचाने के बाद आम लोगों से विभाग को खूब तारीफ मिलती है, इससे जवानों का हौसला बढ़ता है। कॉल मिलने के बाद उनकी टीम की प्राथमिकता समय पर पहुंचकर बेजुबान की जान बचाना है।