महाशिवरात्रि पर प्रयागराज से आज चलेंगी 350 से अधिक ट्रेनें
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महाकुंभ के अंतिम स्नान को देखते हुए रेलवे ने विशेष तैयारी की है। बुधवार को 350 से अधिक ट्रेनें चलाने की तैयारी है। रेलवे का मानना है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड एवं बंगाल समेत विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आए हुए हैं।
महाशिवरात्रि के बाद भी बड़ी संख्या में संगम पहुंचेंगे श्रद्धालु
अमृत स्नान के बाद सबकी बेताबी घर लौटने की होगी। ऐसे में विभिन्न स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने की संभावना है। इसे देखते हुए रेलवे ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने कार्य स्थल पर मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है। मौनी अमावस्या के दिन भी 360 से अधिक ट्रेनें चलाकर लगभग 20 लाख से अधिक लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया गया था
महाशिवरात्रि के बाद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का प्रयागराज आना-जाना जारी रह सकता है। ऐसे में बाद में भी अतिरिक्त ट्रेनें चलाने की तैयारी है। प्रयागराज के समीप वाले स्टेशनों पर अतिरिक्त रेक रखे गए हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर किया जा सकेगा।
इन स्टेशनों पर सामान्य दिनों की तुलना में अत्यधिक भीड़
रेल मंत्रालय के अनुसार, पिछले दो दिनों से बिहार के पटना, दानापुर, मुजफ्फरपुर, गया, सासाराम, कटिहार, खगडि़या, सहरसा, जयनगर, दरभंगा स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या अधिक रही।उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, गोंडा, दीनदयाल उपाध्याय, झांसी जिलों के स्टेशनों पर भी ऐसी ही स्थिति देखी गई। मध्य प्रदेश के चित्रकूट, जबलपुर, सतना, खजुराहो स्टेशनों पर भी सामान्य दिनों की तुलना में अत्यधिक भीड़ थी।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के लिए रवाना
इसी तरह झारखंड के धनबाद, बोकारो, रांची, गढ़वा और मेदनीनगर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के लिए रवाना हुए। महाशिवरात्रि की भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने सुरक्षा, आश्रय, आसान टिकट वितरण एवं ट्रेनों की व्यवस्था की है।प्रयागराज के पास के स्टेशनों पर रेलवे वाणिज्य विभाग के 1500 से अधिक तथा रेल सुरक्षा बल के 3000 से अधिक जवानों की तैनाती की गई है। रेलवे सुरक्षा विशेष बल की 29 टुकडि़यां, महिला रेलवे सुरक्षा विशेष बल की दो टुकड़ियां, 22 डाग स्क्वाड एवं और बम डिस्पोजल स्क्वाड को भी तैनात किया गया है।
महाकुंभ के 42वें दिन तक 15 हजार से अधिक ट्रेनें चलाईं
महाकुंभ के लिए रेलवे ने प्रारंभ में लगभग 13500 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई थी। महाकुंभ के 42वें दिन तक 15 हजार से अधिक ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं, जिनमें बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनें भी शामिल हैं।