होटल में ठहरते हैं, तो सावधान हो जाएं कपल, कहीं बन न जाए प्राइवेट वीडियो

छुट्टियों पर या फिर किसी काम से जब हम बाहर जाते हैं, तो अपने लिए बजट के मुताबिक एक होटल चुनते हैं. हर शहर में ऑप्शंस भी बहुत सारे मौजूद हैं लेकिन जो चीज़ सबसे ज्यादा अहम है, वो इंसान की सुरक्षा है. यही वजह है कि कहीं भी ठहरने से पहले भी आपको अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तसल्ली कर लेनी चाहिए. चूंकि ज़माना डिजिटल है, ऐसे में खतरा भी ज्यादा बढ़ गया है.

सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की ओर से लोगों को आगाह करने के लिए ऐसे तमाम टिप्स बताए जाते हैं, जो हमारी सिक्योरिटी के लिए ज़रूर होते हैं. एक प्राइवेट इंवेस्टिगेटर ने भी ऐसे ही टिप शेयर किए हैं, जो होटल में ठहरने के दौरान हमें ध्यान में रखने चाहिए. अब खतरा सिर्फ जगह-जगह से झांकने वाले कैमरों का नहीं बल्कि ऐसी जगहों पर भी है, जिनके बारे में हम शायद ही सोचते हों.

अपनी सुरक्षा खुद ही करें…
सिक्योरिटी क्षेत्र में एक्सपर्ट Online Spy Shop की ओर बताया गया है कि होटल के कमरे में कहां-कहां पर कैमरा छिपा हो सकता है और आपको यहां पहुंचकर कौन-कौन सी जगहों पर चेक करना चाहिए. कैमरा छिपाने की कुछ सामान्य जगहें बाथरूम, बेडरूम और लिविंग एरिया हो सकते हैं. सिक्योरिटी सेक्टर में काम करने वाले इस ऑर्गनाइज़ेशन ने बताया कि कैमरे छिपाने की कुछ सबसे सामान्य डिवासेज़ होती हैं – फायर अलार्म, अलार्म क्लॉक या फिर बेडसाइड लैम्प्स, यहां पर आसानी से छिपे हुए लेंस लगाए जा सकते हैं और क्लियर व्यू भी मिल जाता है. सस्ती जगहों पर रुकने में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है.

यहां पर भी रखनी होगी नज़र
इसके अलावा वॉल आउटलेट्स और फोन चार्जर के प्वाइंट पर भी कैमरे छिपाए जाते हैं. आप कोट हुक्स, मिरर और रोशनदानों को भी सेफ मत मानिए, यहां पर भी कैमरे छिपे हो सकते हैं. कुछ कैमरों को टीवी यूनिट और डिजिटल एसिस्टेंस जैसे एलेक्सा या गूगल होम के साथ भी बिल्ट इन रिकॉर्डिंग फीचर के साथ सेट कर दिया जाता है. इन्हें पहचानने का सबसे बेहतरीन तरीका है फोन कैमरा. सारी लाइट्स बंद करके आप जब फोन कैमरा को इन जगहों पर ले जाएंगे, तो लेंस होने पर आपको लाल रंग के डॉट्स दिखाई दे जाएंगे. ये छिपे हुए कैमरा हो सकते हैं. आप इनकी फोटो लेकर पुलिस को दे सकते हैं.

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