केरल रेलवे डिवीजन ने लोको पायलटों के लिए शीतल पेय
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दक्षिणी रेलवे जोन के तिरुवनंतपुरम मंडल ने कुछ वस्तुओं के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था, वहीं अब इस आदेश को केरल रेलवे डिवीजन ने वापस ले लिया है। मंडल ने कहा था कि ड्यूटी के दौरान माउथवॉश और शीतल पेय पीने से श्वास परीक्षण के दौरान समस्याएं आती हैं और चालक दल की तैनाती व ट्रेनों का सुचारू संचालन प्रभावित होता है।
पहले मंडल ने कही थी ये बात
अठारह फरवरी को मंडल की ओर से जारी विशेष परिपत्र में कहा गया था कि ड्यूटी शुरू होने से पहले और ड्यूटी के दौरान ‘ब्रीथ एनालाइजर’ द्वारा सांसों के परीक्षण के दौरान अल्कोहल की मात्रा बढ़ी हुई पाई जा रही है और इस तरह की अनुचित घटनाओं के लिए मुख्य रूप से चालक दल द्वारा होम्योपैथिक दवाओं, शीतल पेय, नारियल पानी, कफ सिरप, माउथवॉश आदि का सेवन जिम्मेदार है।
परिपत्र में कहा गया था कि सरकार के स्वामित्व वाली रासायनिक परीक्षक प्रयोगशाला में ऐसे मामलों में लिए गए रक्त के नमूनों का विश्लेषण करते समय, लगभग सभी रक्त नमूनों में अल्कोहल की मात्रा शून्य पाई गई। लेकिन सांस में अल्कोहल की मौजूदगी बहुत अधिक पाई जाती है जो सीधे चालक दल के कामकाज को प्रभावित करती है। इसलिए, ट्रेन संचालन से जुड़े सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया जाता है कि ड्यूटी शुरू होने से पहले और ड्यूटी के दौरान उपर्युक्त वस्तुओं का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित है।