महाराष्ट्र: मिड-डे मील में छात्रों को फिर मिलेगा Egg, विरोध के बाद सरकार ने बदला फैसला
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महाराष्ट्र में स्कूल छात्रों को मिड-डे मील में एक बार फिर से अंडे मिलने लगेंगे। सरकार ने अपने 23 जनवरी के फैसले को वापस ले लिया है जिसमें इसके लिए भुगतान को बंद कर दिया गया था। सरकार के फैसले की बड़े स्तर पर आलोचना की जा रही थी जिसके बाद इसे वापस लिया गया है। साथ ही मंत्रालय ने फंड को100 करोड़ करने का प्रस्ताव भेजा है।
महाराष्ट्र सरकार ने मिड-डे मील कार्यक्रम के लिए अंडे और चीनी का भुगतान बंद करने के फैसले को वापस ले लिया है। इस फैसले के बाद से ही सरकार की काफी आलोचना हो रही थी। महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने इसकी जानकारी दी।
दादाजी भूसे ने कहा कि एक्सपर्ट, टीचर और लोकल कम्युनिटी से फीडबैक मिलने के बाद फैसले को वापस लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने समझा है कि बच्चों के लिए जरूरी प्रोटीन की मात्रा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए अंडा बेहद जरूरी है।
नये शैक्षणिक सत्र से होगी शुरुआत
बताया जा रहा है कि नये शैक्षणिक सत्र से मिड-डे मील मेन्यू में अंडे को जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद ही केले को भी इसमें जोड़ा जाना है। पहले इसके लिए 50 करोड़ रूपये अलॉटमेंट होता था, लेकिन अब ये बढ़कर 100 करोड़ रुपये का कर दिया जाएगा।
हमने शुरुआत में मिड-डे मील प्रोग्राम में अंडे के लिए फंडिंग रोकने का फैसला किया था। लेकिन अब इसे दोबारा शुरू किया जाएगा। सप्ताह में एक दिन अंडे और केले दिए जाएंगे।- दादाजी भुसे
बता दें कि 2023 में सरकार की तरफ से 50 लाख स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील प्रोग्राम के तहत सप्ताह में एक दिन अंडे और केले देने का प्लान तैयार किया गया था। इसके लिए 50 करोड़ रुपये भी अलॉट किए गए थे। लेकिन कुछ ग्रुप द्वारा विरोध के बाद सरकार ने 28 जनवरी को अंडे और चीनी के लिए फंडिंग बंद कर दी।
100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
सरकार ने यहां तक कह दिया था कि अगर स्कूल मैनेजमेंट कमेटी बच्चों को न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट देना चाहती है, तो इसके लिए लोगों के आर्थिक सहयोग से फंड इकट्ठा करे। लेकिन इसकी काफी आलोचना शुरू हो गई।
अब सरकार ने बजट में इस प्रोग्राम के लिए 100 करोड़ रुपये प्रपोजल रखा है। बता दें कि महाराष्ट्र में 10 मार्च को बजट पेश होना है। इसके पहले मध्य प्रदेश और गोवा में भी मिड-डे मील में अंडा देने को लेकर विवाद हो चुका है।
पिछले साल कर्नाटक ने मिड डे मील प्रोग्राम के तहत छात्रों को सप्ताह में 6 दिन अंडा देने का फैसला लिया था। केरल में सप्ताह में एक दिन अंडा और सप्ताह में दो दिन दूध स्कूली छात्रों को दिया जाता है।