जीएमसी राजोरी में गर्भवती की मौत, परिवार ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

जीएमसी राजोरी में गर्भवती महिला की मौत के बाद उसके परिवार ने सिजेरियन ऑपरेशन के आरोप में 9 घंटे तक प्रदर्शन किया, जिसके बाद जांच कमेटी गठित की गई।

राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) राजोेरी में एक गर्भवती की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिवारीजनों ने गर्भवती की मौत के बाद डॉक्टरों पर ऑपरेशन (सिजेरियन) करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। करीब 9 घंटे तक प्रदर्शन चलता रहा।

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। करीब एक महीने पहले बड्डाल गांव के पीड़ित परिवार की गर्भवती राजिम अख्तर (35) की भी जीएमसी राजोरी में मौत हो गई थी। उस मामले में भी हंगामे के बाद जांच कमेटी गठित की गई थी।

राजोेरी के मंदरगला स्वाड़ी निवासी यशपाल सिंह की पत्नी किरणा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर 18 फरवरी को जीएमसी में भर्ती कराया गया था। परिवार का आरोप है कि डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड करवाया, लेकिन सच नहीं बताया। डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की सांस चल रही है। आश्वासन दिया कि सबकुछ ठीक है और नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी।

बाद में बताया गया कि डिलीवरी ऑपरेशन से होगी। यह भी कहा गया कि जिस डॉक्टर को ऑपरेशन करना है, वह जम्मू में हैं। उनके आने पर ऑपरेशन होगा। किरणा की मौत होने के बाद ऑपरेशन किया गया। न तो जच्चा बची और न ही बच्चा।परिवारीजन ने बुधवार रात करीब 3 बजे से हंगामा-प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो वीरवार दोपहर 1 बजे तक चलता रहा। सूचना के बाद डीडीसी सदस्य बुद्धल शाजिया कोसर भी जीएमसी पहुंचीं और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करने लगीं। परिवारीजन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।

प्रिंसिपल के आश्वासन पर शांत हुए परिजन
मामले को बिगड़ता देख जीएमसी राजोरी के प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया ने जीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शमीम अहमद की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की है। उन्होंने बताया कि स्त्री रोग, सर्जरी, एनेस्थीसिया और फॉरेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष को इसमें सदस्य बनाए गए हैं। कमेटी एक हफ्ते में रिपोर्ट पेश करेगी। आश्वासन के बाद महिला के परिजन शांत हुए और शव लेकर घर चले गए।

एडीडीसी ने दिया मजिस्ट्रेटी जांच का आश्वासन
अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त (एडीडीसी) राजोरी राजकुमार थापा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जांच में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की लापरवाही सामने आई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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