‘कॉफी विद कलेक्टर’ में नशा मुक्ति और चुनौतियों पर खुली चर्चा
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‘कॉफी विद कलेक्टर’ कार्यक्रम में जिला कलेक्टर ने विद्यार्थियों और खिलाड़ियों से मुलाकात की। कार्यक्रम के दौरान नशा मुक्ति और अन्य बातों पर खुलकर चर्चा की गई। साथ ही विद्यार्थियों ने अपनी चुनौतियों और संघर्ष की कहानियां साझा कीं।
जिला कलेक्टर कानाराम ने ‘कॉफी विद कलेक्टर’ कार्यक्रम के तहत गुरुवार को विद्यार्थियों और खिलाड़ियों से संवाद स्थापित किया। इस दौरान नशा मुक्ति, जीवन की चुनौतियों और उनके सपनों को लेकर खुलकर चर्चा हुई। विद्यालय स्तरीय राष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाली ममता स्वामी समेत 8 खिलाड़ियों, 2 प्रेरणा कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों और मानस जिला स्तरीय प्रतियोगिता के 6 प्रथम विजेता विद्यार्थियों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में जब विद्यार्थियों ने अपनी चुनौतियों और संघर्ष की कहानियां साझा कीं, तो सभागार में बैठे अधिकारी और अन्य उपस्थित लोग भावुक हो गए। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नाथवाना के छात्र मोहित जाखड़ ने बताया कि पारिवारिक परिस्थितियों के चलते उन्होंने बकरी चराते हुए राष्ट्रीय कबड्डी अंडर-17 प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। वहीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नंदराम की ढाणी के छात्र धीरज ने अपनी पीटीआई बनने की महत्वाकांक्षा साझा की।
कार्यक्रम में जिला कलेक्टर ने नशा मुक्ति पर जोर देते हुए कहा कि नशे से सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा परिवार प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने और उन्हें जागरूक करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा। नारा लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा बिंदु ने विद्यालय में खेल मैदान के निर्माण का सुझाव दिया, जिस पर कलेक्टर ने सकारात्मक रुख दिखाया।
जिला कलेक्टर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “यदि आप खिलाड़ी, डॉक्टर या अधिकारी बनना चाहते हैं, तो आपको जल्द निर्णय लेकर कड़ी मेहनत करनी होगी।” उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे कंफर्ट जोन से बाहर निकलें और बड़ा लक्ष्य तय करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन और समाज का माहौल सकारात्मक है, जो हरसंभव सहायता के लिए तैयार है।
कार्यक्रम में छात्रा हर्षिका ने एक पोस्टर के माध्यम से नशा करने वाले और नशा न करने वाले परिवारों की वित्तीय स्थिति का तुलनात्मक चित्रण किया। उन्होंने अपनी सहपाठी के पारिवारिक हालातों को साझा किया, जिनके पिता के नशे की गिरफ्त में होने से उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है।
जिला कलेक्टर कानाराम ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों की प्रेरणादायक कहानियों को दूसरों तक पहुंचाकर उन्हें प्रोत्साहित करना है। साथ ही उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार कर प्रशासन बेहतर नीतियों का निर्माण करेगा। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘मानस अभियान’ के लोगो वाले बैग और कॉफी मग भेंट किए गए।
जिला कलेक्टर ने कहा कि ‘कॉफी विद कलेक्टर’ जैसे कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे, ताकि युवाओं को खुलकर अपनी बात कहने का मंच मिल सके।