कश्मीर में सूखे जैसे हालात, प्रसिद्ध अच्छाबल झरने का पानी भी सूखा

कश्मीर में जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से जल स्रोत सूख रहे हैं, जिससे पानी की किल्लत और सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

कश्मीर में प्रसिद्ध अच्छाबल झरने का पानी पूरी तरह से सूख गया है। इसके चलते कई लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार पूरे क्षेत्र में 65 प्रतिशत जल स्रोत गंभीर रूप से कम हो रहे हैं। इससे सूखे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ इस संकट के लिए जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार मानते हैं, जिसने निचले हिमालयी क्षेत्र को काफी प्रभावित किया है।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद एजाज रसूल ने कहा, कश्मीर के मुख्य जल स्रोत झेलम नदी में दशकों में सबसे कम जलस्तर दर्ज किया गया है। भूमिगत जल सहित अन्य जल स्रोत भी सूख रहे हैं। हालांकि कुछ आर्द्रभूमि, जैसे होकरसर में अस्थायी संरक्षण उपायों के कारण सुधार हुआ है, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि व्यापक जल प्रबंधन नीति के बिना संकट और भी बदतर हो जाएगा। रसूल ने जोर देकर कहा, हमें जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है, खासकर झेलम और चिनाब जैसी नदियों के लिए। एक संरचित नीति से जल छोड़ने और संरक्षण को विनियमित करने में मदद करेगी।

ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव दुनिया भर में दिखाई दे रहा है, जिसमें चरम मौसम पैटर्न बाढ़ और सूखे का कारण बन रहे हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि आर्द्रभूमि, झीलों और नदियों को संरक्षित करके जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकता है। रसूल ने सरकार और नागरिकों दोनों से पर्यावरण के और अधिक क्षरण को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हमारे नदी तटों में प्रदूषण को हर स्तर पर रोका जाना चाहिए। हमारे जल निकायों के अस्तित्व के लिए सतत संरक्षण प्रयास महत्वपूर्ण हैं।

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