देश के 60 बड़े स्टेशनों पर बनाए जाएंगे होल्डिंग एरिया, प्रयागराज के लिए भी बना बड़ा प्लान

रेल मंत्रालय ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना को सबक की तरह लिया है। ट्रेनों एवं रेलवे स्टेशनों में भीड़ प्रबंधन के लिए मैनुअल तैयार किया जाएगा। साथ ही ट्रेन आने के समय अफरातफरी को रोकने के लिए देश के 60 स्टेशनों के बाहर होल्डिंग एरिया बनाया जाएगा, ताकि ट्रेन आने के लगभग आधा घंटा पहले तक यात्रियों को रोका जा सके।
महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन प्रोटोकाल को संशोधित करते हुए रेलवे ने प्रयागराज के आसपास के तीन सौ किलोमीटर के स्टेशनों पर तत्काल प्रभाव से सतर्कता का विशेष प्रबंध किया है। भीड़ बढ़ने पर एक सीमा से ज्यादा प्लेटफार्म टिकट नहीं दिए जाएंगे।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई थी भगदड़
नई दिल्ली स्टेशन पर हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में 18 लोगों की मौत के कारण भी बताए। हादसे ने रेलवे को भीड़ प्रबंधन के प्रति अतिरिक्त सजग किया है। मंत्रालय का मानना है कि देश में लगभग 60 ऐसे स्टेशन हैं, जहां त्योहारों एवं प्रमुख अवसरों पर भीड़ अचानक बढ़ जाती है। वहां ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि जरूरत पड़ने पर होल्डिंग एरिया में ही यात्रियों को रोका जा सके।
बनाए जाएंगे नए नियम
प्लेटफार्म को अनावश्यक भीड़ से बचाने के लिए टिकट देखने के बाद ही यात्रियों को प्लेटफार्म के अंदर प्रवेश की अनुमति होगी। रेलवे मैनुअल बनाने के लिए छह महीने तक विशेष अभियान चलाकर सुझाव लिए जाएंगे। इसमें यात्रियों, कर्मचारियों एवं कूलियों से भी सुझाव लिए जाएंगे। भीड़ वाले स्टेशनों पर उन्नत निगरानी तंत्र के जरिए यात्रियों को नियंत्रित किया जाएगा।
इन बातों का रखा जाएगा ध्यान
खासकर ट्रेनों के विलंब होने के दौरान इसका अतिरिक्त ख्याल रखा जाएगा। रेल अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्टेशनों पर स्केलेटर और सीढ़ियों से गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं। यात्रियों से आग्रह किया जाएगा कि सीढि़यों एवं लैंडिंग क्षेत्रों में नहीं बैठें।
हादसे की जांच कर रही समिति
नई दिल्ली स्टेशन पर हादसे की जांच दो सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति कर रही है। मंत्रालय को रिपोर्ट का इंतजार है। दोषियों पर कार्रवाई तभी होगी। मंत्रालय का मानना है कि नई दिल्ली स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 16 पर घटना के दिन यात्रियों की ज्यादा भीड़ नहीं थी। होली-दिवाली एवं छठ पूजा से भी कम यात्री थे।
कुंभ के लिए सारी ट्रेनें पुरानी दिल्ली और आनंद विहार स्टेशन से चलाई जा रही हैं। सामान्य दिनों में नई दिल्ली स्टेशन से दो से चार विशेष ट्रेनें ही चलाई जा रही थीं। देर शाम 26 सौ टिकट ज्यादा कटे तो रेलवे ने कुंभ के लिए उस दिन चलने वाली विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर पांच कर दी। उस दिन प्लेटफार्म 16 से 8.30 बजे मगध एक्सप्रेस के खुलने के बाद 9.30 बजे प्रयागराज एक्सप्रेस को खुलना था। ट्रेन आ चुकी थी।
इसी दौरान यात्रियों की संख्या को देखते हुए प्लेटफार्म नंबर 12 से एक और विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया। जब उसकी घोषणा हुई तो प्लेटफार्म 16 के यात्री तेजी से प्लेटफार्म 12 पर जाने लगे। इसी अफरातफरी में 25-30 लोग एक साथ सीढ़ियों पर चढ़ने लगे, जहां पहले से ही कुछ यात्री बैठे थे। ऊपर के किसी यात्री का सामान गिर गया, जिससे लोग एक-दूसरे पर लुढ़कने लगे।
सुप्रीम कोर्ट दायर हुई याचिका
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत के दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए भीड़ को नियंत्रित करने के तत्काल प्रभाव से कदम उठाने की मांग की गई है।
अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में केंद्र सरकार और प्राधिकरण से मांग की गई है कि वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की 2014 की रिपोर्ट ‘कार्यक्रमों में भीड़ का प्रबंधन और विशाल सम्मेलन के स्थलों’ पर विचार करें।
याचिका में यह भी कहा गया है कि केंद्र व राज्य सरकारों समेत सभी प्रतिवेदियों को तालमेल के साथ काम करने के लिए एक संयुक्त विशेषज्ञ समिति बनानी होगी, जो भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश और मापदंड तैयार करेगी। उसने भारतीय रेलवे को भी निर्देश देने को कहा कि वह रेलवे स्टेशनों व प्लेटफार्मों पर सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े उपाय करे।
गलियारों, प्लेटफार्मों और ओवर ब्रिजों को चौड़ा किया जाए। पीक आवर में किसी भी ट्रेन के आने या जाने को लेकर प्लेटफार्म नहीं बदले जाएं। आधुनिक तकनीकों और एआई का भी उपयोग कर ऐसी घटनाओं को टाला जाए।