दिल्ली: सरकार गठन से पहले यमुना शुद्धीकरण पर काम शुरू

इसके लिए बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से एक बैठक बुलाई गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इसमें दिल्ली के मुख्य सचिव सचिव समेत सभी संबंधित विभागों के आला अधिकारी शामिल हुए।

दिल्ली में नई सरकार गठित होने से पहले यमुना शुद्धीकरण पर काम शुरू हो गया है। भाजपा की दिल्ली सरकार का पूरा जोर दिल्ली में यमुना नदी को अविरल व निर्मल बनाने के लिए बड़ी गारंटी पूरी करने पर जोर होगा। इसके लिए बुधवार प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से एक बैठक बुलाई गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इसमें दिल्ली के मुख्य सचिव सचिव समेत सभी संबंधित विभागों के आलाधिकारी शामिल हुए। इसमें अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने तक नदी के प्रदूषण के स्रोतों से जुड़ी एक रिपोर्ट तैयार करें। इसके आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार होगी। पूरी योजना दिल्ली सरकार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी निगरानी करेंगे।

नाम उजागर न करने की शर्त पर बैठक में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि पहली बैठक में तय किया गया है कि यमुना नदी की सफाई की कार्ययोजना तैयार करने से पहले प्रदूषण के स्रोतों पर वास्तविक स्थिति पता करनी है। इसमें नदी में गिरने वाले नालों, नालों तक पहुंचने वाली गंदगी की मात्रा, नालों से नदी में गिरने वाली गंदगी की मात्रा समेत दिल्ली में यमुना के प्रदूषण से जुड़े सभी कारकों का पता करना है। इसके आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार होगी। इसमें प्रदूषण से जुड़े सभी आंकड़े होंगे। रिपोर्ट से समस्या का मूल पता लग सकेगा। विदेश दौरे से लौटने के बाद प्रधानमंत्री के सामने रिपोर्ट रखी जाएगी। इसके बाद इस पर विस्तार से विचार विमर्श के बाद नालों के साफ करने की क्षमता का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

अधिकारी बताते हैं कि नालों के सफाई के साथ इसमें पानी की मात्रा बढ़ाने पर भी सरकार का फोकस होगा। इसमें उन सभी संभव विकल्पों पर विचार किया जाएगा, जिससे नदी की अविरलता बढ़ाई जा सके। इसके सहारे नदी के पर्यावरणीय प्रवाह को बनाया जा सकेगा। नई सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़ा प्रस्ताव लाएगा। इसमें नदी की सफाई से जुड़े सभी जरूरी प्रावधान होंगे। यही नहीं, पहले दिन से दिल्ली सरकार के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय की भी इस पर निगरानी रहेगी। सरकार की कोशिश है कि समयबद्ध तरीके से पीएम मोदी की यमुना काे साफ करने की गारंटी को पूरा किया जाए।

साबरमती रीवर फ्रंट अथारिटी हो सकती मददगार
सूत्र बताते है कि यमुना नदी का पर्यावरणीय प्रवाह बनाए रखने के मकसद से गंगा समेत दूसरी नदियों से पानी लाने पर विचार होगा। इसमें यूपी, हरियाणा व उत्तराखंड में भाजपा की सरकार होने से कोई अड़चन भी नहीं आएगी। अगर सभी हितधारक राजी होते हैं कि तयशुदा समय के भीतर यह काम पूरा हो जाएगा। दूसरी तरफ नदी के किनारों को बेहतर करने के लिए साबरमती रीवर फ्रंट से जुड़े प्राधिकरण की भी मदद ली जा सकती है। नई सरकार की पूरी कोशिश होगी कि चुनाव का मूल मुद्दा बनी यमुना को अविरल व निर्मल करके पूरे देश में यह संदेश दिया जाए कि दिल्ली सरकार अपने वायदे को पूरा करने में किस तरह प्रतिबद्ध है।

एमसीडी के साथ दिल्ली की सफाई पर चर्चा…
बैठक में दिल्ली की साफ-सफाई को लेकर भी चर्चा की गई है। निगमायुक्त समेत एमसीडी के कई वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि दिल्ली की सफाई को लेकर कामियों पर बात की गई। पीएमओ से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने एमसीडी के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। उसमें साफ-सफाई में कमी किस कारण हो रही है, उसमें क्या अड़चन हैं, यदि कर्मचारियों की कमी है तो उसके बारे में भी जानकारी मांगी गई है। साथ ही एमसीडी की योजनाएं लंबित हैं वह किस वजह से लंबित हैं और कौन-कौन सी योजनाएं आदि के बारे में भी विस्तृत ब्योरा मांगा गया है।

भाजपा ने यमुना को लेकर यह किया है वादा…
यमुना की पूरी तरह से साफ-सफाई
यमुना पर बनाया जाएगा रिवर फ्रंट
यमुना में गंदगी जाने से रोका जाएगा
जो नाले यमुना में गिरते हैं उन्हें ठीक किया जाएगा
यमुना में पानी की मात्रा बढ़ाई जाए

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