वेतन-भत्तों के चक्कर में अटका राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड

 राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन में हो रही देरी पर संसदीय समिति ने गहरी चिंता जताई है। समिति का मानना है कि सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति को देखते हुए इस बोर्ड का गठन शीघ्र होना चाहिए। तीन साल पहले इस बोर्ड के गठन का विचार आया था और एक साल पहले इसकी प्रक्रिया शुरू हुई थी। अध्यक्ष पद के लिए चयन और नियुक्ति की घोषणा भी हो चुकी थी, लेकिन अब तक औपचारिक चिट्ठी संबंधित व्यक्ति तक नहीं पहुंची है।

है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके गठन का निर्देश दिया था

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों को सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट के सभी पहलुओं पर सुझाव देना है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके गठन का निर्देश दिया था। कई समितियों और सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे अमेरिका जैसे देशों की तर्ज पर रोड सेफ्टी का रामबाण के समान उपचार बताया है।

भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति अत्यंत गंभीर

भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति अत्यंत गंभीर है। यहां प्रति वर्ष पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं और 1.80 लाख लोगों की मृत्यु होती है। ऐसे में इस बोर्ड का गठन प्राथमिकता होनी चाहिए थी, लेकिन नियुक्ति का निर्णय सड़क परिवहन और वित्त मंत्रालय के बीच अटका हुआ है। बोर्ड के अध्यक्ष और उसके दो सदस्यों के वेतन को बढ़ाया जाना है, जिसके लिए वित्त मंत्रालय की अनुमति आवश्यक है।

इसके बाद प्रस्ताव कैबिनेट की नियुक्ति समिति के समक्ष जाएगा। परिवहन से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने जब इस बारे में सड़क परिवहन मंत्रालय से पूछा तो मंत्रालय ने बताया कि बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया पिछले साल शुरू की गई थी।मंत्रालय के सचिव ने वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया है कि इनके वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की जाए ताकि ज्यादा लोग आवेदन कर सकें। मंत्रालय बोर्ड के गठन के लिए कैबिनेट मंजूरी हासिल करने की कोशिश भी कर रहा है।

नितिन गडकरी ने कही ये बात

दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कपड़ा मंत्रालय में सचिव रहे यूपी सिंह की बोर्ड अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की घोषणा भी कर दी थी, लेकिन यह प्रक्रिया अब तक आगे नहीं बढ़ी। यूपी सिंह को ओडिशा के परिवहन आयुक्त के रूप में कार्य करते हुए ट्रैफिक व्यवस्था की बारीकियों का अनुभव रहा है।इस बारे में यूपी सिंह से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी ने उनसे बात की थी और अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए उन्होंने अपनी सहमति भी दे दी थी, लेकिन इसके बाद क्या हुआ, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्हें कभी नियुक्ति का आदेश नहीं मिला।

यह हैं सड़क सुरक्षा बोर्ड की जिम्मेदारियां

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड की जिम्मेदारियों में सड़क सुरक्षा के मानक तय करना, सड़कों का बुनियादी ढांचा दुरुस्त करना, मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के नियम-कायदे तय करना, सड़क परिवहन के इको सिस्टम का उपयुक्त उपयोग सुनिश्चित करना, नई वाहन तकनीक के लिए व्यवस्था करना और पैदल यात्रियों-मोटरसाइकिल सवारों जैसे सबसे अधिक जोखिम में रहने वाले सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के प्रबंध करना शामिल हैं। इसके साथ ही यह बोर्ड ड्राइवरों के प्रशिक्षण की भी चिंता करेगा।

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